कानपुर, रेल अधिकारियों से लेकर सीबीआई की टीम ने कानपुर रेल हादसों की जांच की, पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। इस पर रेलवे मंत्रालय ने विदेशी तकनीक का सहारा लिया और दक्षिण कोरिया की विशेषज्ञ टीम को हादसों के कारणों का पता लगाने के लिए जिम्मेदारी सौंप दी।
टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर वीडियोग्राफी की और सैंपल भी लिये। टीम मंगलवार को सुबह 10 बजे रूरा स्टेशन पर पहुंची जहां पर घटनास्थल का विधिवत् निरीक्षण किया। क्षतिग्रस्त बोगियां देखीं, टूटी पटरी की वीडियो और फोटोग्राफी भी करवाई। इसके बाद रेलवे के कई कर्मचारियों से भी पूछताछ की। जिसमें बताया जा रहा है कि पूछताछ में ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं जो चौकाने वाले साबित हो सकते हैं। हालांकि टीम ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। टीम के प्रभारी क्वॉक का कहना है कि अभी वह जांच के लिए पुखरायां रेलवे स्टेशन और उन्नाव भी जांएगे। वहीं टीम ने टूटे क्लेम और बोगियों के लोहे के सैंपल जांच के लिए एकत्र किए हैं, जिसकी जांच वह अपनी लैब में ले जाकर करेंगे।
क्वॉक ने बताया कि यह जांच दो दिनों तक चलेगी। पुखरायां, रूरा, मंधना व उन्नाव से लेकर उन जगहों का सघन निरीक्षण किया जाएगा जहां पर पटरी टूटने की बात बार-बार आ रही है। बताते चलें कि कानपुर जनपद के 40 किलोमीटर क्षेत्र के आस-पास दो बड़े रेल हादसे हुए और कई बार हादसे होते-होते बचे। हादसे पे हादसे, जांच पे जांच 19 नवम्बर को कानपुर देहात के पुखरायां के पास इंदौर पटना एक्सप्रेस भीषण दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसमें डेढ़ सौ यात्रियों की मौत हो गई और दो सौ से अधिक घायल हुये। 28 दिसम्बर को रूरा में भयानक हादसा हुआ जिसमें दो सौ से अधिक यात्री घायल हुए पर गनीमत रही कि किसी की मौत नहीं हुई। 31 दिसम्बर को मंधना के पास पटरी कटी मिली यही नहीं पटरी के नटबोल्ट पूरी तरह से खुले पाए गये। पुखरायां की जांच पूर्वी जोन के सरंक्षा आयुक्त पीके आचार्य व रूरा की जांच उत्तरी जोन के सरंक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक जांच कर रहें है। 31 दिसम्बर की जांच स्थानीय रेलवे अधिकारी से लेकर जिला पुलिस भी कर रही है। लेकिन अब तक किसी भी जांच रिपोर्ट में कारण नहीं स्पष्ट हो रहें है।