कामरेड ए.बी .बर्धन – सोशल मीडिया से

सीपीआई के वरिष्ठ नेता एबी बर्धन के निधन पर मुख्यमंत्री अखिलेश दुख व्यक्त किया…

ab_vardhan

कामरेड वर्धन का इस तरह से जाना
भारत के वामपंथी आंदोलन को बहुत
बड़ा झटका है।वर्तमान संकटकालीन दौर
में आपके दिशा निर्देश की बड़ी जरूरत
थी देश को कामरेड!! अलविदा!! लाल
सलाम!!नमन!!!!

फेसबुक पर साहित्यकार चौथीराम  यादव की वाल से

कामरेड ए.बी .बर्धन का जाना सचमुच भारत के वामपंथी आन्दोलन के एक अध्याय का पटाक्षेप है. वे कम्युनिस्ट पार्टी के स्वाधीनता पूर्व के वर्षों में निर्मित नेतृत्व की वह अंतिम कड़ी थे जिसने स्वाधीन भारत को समता,समानता और किसान-मजदूर के संघर्षों के साथ जोड़ा था. उनके व्यक्तित्व का एक बड़ा आकर्षण उनका समग्र वामपंथी होना था. बदलाव की राजनीति के साथ बदलाव की संस्कृति भी उनकी वैचारिक चिताओं में समान रूप से शामिल थी. वे एक बुद्धिजीवी राजनेता थे .उनसे मिलना संवाद करना स्वयं को समृद्ध करना था.इस तरह के कई अवसर मुझे मिले भी थे . उनसे विस्तृत संवाद का अंतिम अवसर दिल्ली के सीपीआई हेडक्वार्टर ‘अजय भवन’ में विगत वर्ष तब मिला था जब वे स्वयं हम कुछ मित्रों को वहां देखकर साथ बैठ गए थे . और साहित्य और संस्कृति की दुनिया में क्या हो रहा है इस पर जिज्ञासु की तरह चर्चा करने लगे . कुछ नयी पुस्तकों का जिक्र होने पर उन्होंने उन्हें पढने की इच्छा भी व्यक्त की थी. अफ़सोस कि उन पुस्तकों को उन्हें उपलब्द्ध कराने के वायदे के बावजूद मैं उसके बाद उन्हें पुस्तकें भिजवाने ,देने या मिलने का फिर अवसर न निकाल पाया. इस अपराध-बोध के साथ कामरेड वर्धन को लाल सलाम और अंतिम विदा.

फेसबुक पर साहित्यकार वीरेन्द्र यादव की वाल से

अब सिर्फ यादें बची कामरेड. …!! आज ३० नवंबर २००४ की वह शाम बहुत याद आ रही है. जब आप दिल्ली में मिले थे और एक गजब का संदेश दिया था. वह संदेश आज भी ऊर्जा देता है . आगे का रास्ता दिखाता है, लेकिन आप नहीं दिख रहे हो . …………,आपको अंतिम लाल सलाम ………

फेसबुक पर चन्द्रभान यादव की वाल से

Related Articles

Back to top button