नई दिल्ली, जस्टिस मुकुल मुदगल ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ के कुछ निदेशक जान बूझकर मौजूदा घरेलू सत्र को बाधित करने की कोशिश में है। उन्होंने 22 अगस्त से जारी दिशा निर्देशों पर अमल के लिए डीडीसीए को तुरंत आदेश देने की भी अपील की। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश मुद्गल ने आरोप लगाया कि कुछ सदस्यों ने उनको भेजे गए ईमेल में उनके खिलाफ अनुचित और असंयमित भाषा का भी इस्तेमाल किया।
न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट और दीपा शर्मा को जमा रिपोर्ट में जस्टिस रिटायर्ड मुद्गल ने कहा कि 2016-17 के घरेलू सत्र को जान बूझकर बाधित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने रिपोर्ट में कहा कि डीडीसीए के तीन निदेशक सुभाष शर्मा, दिनेश शर्मा और रवि जैन भुगतान के उस नोट पर दस्तखत करने से इनकार कर चुके हैं जिसमें कोचों, मैनेजरों और चयनकर्ताओं को भुगतान अधिकृत किया गया था। इसमें कहा गया, मौजूदा सत्र में चयनकर्ताओं, कोचों और मैनेजरों को भुगतान और टीम के खर्च रोकने पड़े हैं जबकि मैने अनुबंध का सम्मान करने के स्पष्ट निर्देश दिये हैं। इससे डीडीसीए के घरेलू सत्र और कई युवा क्रिकेटरों के कैरियर पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।