नई दिल्ली, जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव केस में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला आने तक कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं दी जाएगी। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने पाक की दलीलों को नकारते हुए कहा कि पाकिस्तान का ये दावा सही नहीं है कि कुलभूषण जाधव जासूस थे।
पाकिस्तानी की मिलिट्री कोर्ट से कथित तौर पर जासूसी और विध्वंसकारी साजिशें रचने के आरोप में फांसी की सज़ा पा चुके भारत के पूर्व नेवी ऑफिसर कुलभूषण जाधव पर द इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि दोनों ही पक्षों को इस आदेश को मानना होगा। दोनों ही देशों पर विएना समझौते के तहत यह आदेश बाध्यकारी है। इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत साबित हुई है। भारत मामले की सुनवाई तक फांसी पर रोक की मांग कर रहा था।
इससे पहले, नीदरलैंड के हेग में स्थित इस कोर्ट ने दोनों पक्षों की दी गई महत्वपूर्ण दलीलों को दोहराया। दोनों देशों पर किए गए दावों पर कोर्ट ने गौर किया और कहा कि भारत और पाकिस्तान वीएना समझौता का हिस्सा है। कोर्ट ने कहा कि अदालत के पास भारत के दावे को स्वीकारने का हक है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में फैसला देने का हक भी कोर्ट को है। कोर्ट ने पाकिस्तान की ओर कुलभूषण जाधव तक भारत की पहुंच को रोकने पर भी ऐतराज जताया।कोर्ट ने कहा कि 2008 का द्विपक्षीय समझौता भी कोर्ट को नहीं बांध सकता है। कोर्ट अपना फैसला इस मामले में दे सकता है। यह वीएना समझौते के तहत है।
इस मामले में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह भारत की जीत है। वहीं, महाराष्ट्र के पवई में कुलभूषण जाधव के घर के बाहर लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए और पटाखे फोड़े।
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