लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिये हैं कि महाकुंभ से पहले माफिया तत्वों और उनके गुर्गो पर कार्रवाई तेज करें और सुरक्षा एजेंसियां केंद्रीय एजेंसियों से संवाद समन्वय बना कर रखें।
मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के बाद पुलिस और जिला प्रशासन को जरुरी दिशा निर्देश दिये। उन्होने कहा कि प्रयागराज में चल रहे सभी टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा चालकों का पुलिस सत्यापन कराया जाए। पुलिस को इंटेलिजेंस को और बेहतर करने तथा केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों के साथ लगातार संवाद-समन्वय बनाये रखने के निर्देश देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के समय में प्रयागराज के आस-पास माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई हुई है, यह सुनिश्चित किया जाए कि महाकुम्भ से पहले उनके गुर्गों पर आवश्यकतानुसार कार्रवाई तेज की जाए।
सुरक्षा बलों की तैनाती के बारे में जानकारी लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक जिन 20 हजार पुलिसकार्मिकों की तैनाती हुई है, उन सभी का प्रशिक्षण जरूर करा लिया जाए। मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ में फायर सेफ्टी, घाट सुरक्षा, चिकित्सा सहायता आदि के संबंध में किये जा रहे व्यवस्थाओं को पुख्ता बनाने के भी निर्देश दिए। सुरक्षा के दृष्टिगत एंटी ड्रोन सिस्टम की उपलब्धता भी की जाए। प्रयागराज नगर में जाम के समाधान के लिए पुख्ता कार्ययोजना तैयार करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि फुट पेट्रोलिंग बढाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मेला क्षेत्र में निराश्रित पशुओं का आवागमन न हो।
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समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ प्रयागराज की ओर आने वाले सभी मार्गों के नवनिर्माण/सुदृढ़ीकरण के कार्यों के लिए पांच जनवरी अंतिम तारीख तय की है। उन्होंने कहा है कि महाकुम्भ में सर्वाधिक श्रद्धालु सड़क मार्ग से होकर आएंगे। अयोध्या, वाराणसी, लखनऊ और मीरजापुर की ओर से बड़ी संख्या में लोगों का आगमन होगा। इसलिए शीर्ष प्राथमिकता के साथ प्रयागराज आने वाले सभी मार्गों के नवनिर्माण/सुदृढ़ीकरण के कार्यों को पूरा कर लिया जाए। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि इन मार्गों पर यदि कहीं भी अतिक्रमण किया गया हो, तो कठोरतापूर्वक कार्यवाही करते हुए उसे हटाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संतोषजनक है कि सेतु निगम के 14 में से 12 सेतुओं का कार्य पूर्ण हो गया है, शेष दो का कार्य पांच जनवरी तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि संगम नोज पर ड्रेजिंग के कार्य में और तेजी की अपेक्षा है। 30 दिसंबर तक यह कार्य पूरा कर लिया जाए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मेला क्षेत्र में जल आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने के कार्य को प्रत्येक दशा में 30 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए। हर सेक्टर में 24×7 शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत, डिवाइडर की साज-सज्जा आदि का कार्य इसी माह के अंत तक पूरा कर लें। अब तक 22 पांटून पुल क्रियाशील हो गए हैं, शेष को भी एक सप्ताह में तैयार करा लिया जाए। मुख्यमंत्री के इस एक दिवसीय दौरे के साथ ही प्रयागराज नगर में सूबेदारगंज सेतु पर एक तरफ से आवागमन भी प्रारंभ हो गया। पुल का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री का काफिला सिविल एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान किया। तय समय-सीमा के अनुसार, पुल की एक लेन को 31 दिसंबर और दूसरी लेन को मकर संक्रांति से पहले पूरा किया जाना था। लेकिन, यह काम एक सप्ताह पहले ही पूरा कर दिया गया। सुबेदारगंज पुल के निर्माण में 350 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अखाड़ों, धार्मिक संस्थाओं और साधु-संतों को भूमि आवंटन की अद्यतन स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। मेलाधिकारी ने बताया कि सभी अखाड़ों को भूमि आवंटित कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न राज्यों की ओर से महाकुम्भ में अपने शिविर स्थापित करने के अनुरोध मिल रहे हैं, इस संबंध में यथोचित निर्णय तत्काल हो जाए। नई संस्थाओं को आवंटन करने से पूर्व उनका सत्यापन भी कराया जाए।
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक भी होगा। बैठक में ‘स्वच्छ महाकुम्भ’ की अवधारणा पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को प्रयागराज की स्वच्छता के लिए आगे बढ़कर काम करने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि महाकुम्भ को देखते हुए 7000 से अधिक बसें लगाई जाएंगी। यहां डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे। स्वच्छता पर जोर देते हुए सीएम ने निर्देश दिया कि 10 हजार कर्मचारियों की तैनाती कर यहां की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखा जाए।