नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए नया घर बनाने या खरीदने के लिए 25 लाख रुपये तक एडवांस देने की सुविधा शुरू की है. इसके लिए उन्हें 8.5 फीसद का साधारण ब्याज देना पड़ेगा. सरकारी की ओर से जारी बयान के मुताबिक इसका उद्देश्य हाउसिंग सेक्टर में जान फूंकना है.
अगर पति-पत्नी दोनों केंद्रीय कर्मचारी हैं तो वे अलग-अलग या एक साथ इस राशि को ले सकते हैं. हालांकि कर्मचारी अपने सेवाकाल में यह सुविधा केवल एक बार ले सकेंगे. ऋण की राशि कर्मचारी की बची हुई सेवा अवधि पर निर्भर करेगी. केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय ने आवास निर्माण अग्रिम नियमावली -2017 जारी करते हुए कहा है कि कोई भी कर्मचारी अब एक करोड़ तक का मकान खरीद सकता है. पहले यह सीमा तीस लाख रुपये थी. इस राशि से बैंकों या वित्तीय संस्थानों से लिया गया ऋण भी चुकाया जा सकता है.
नए नियमों के मुताबिक कर्मचारी अपने मूल वेतन के 34 माह की राशि के बराबर या अधिकतम 25 लाख रुपये का अग्रिम ऋण ले सकता है. पहले यह राशि 24 माह और साढ़े सात लाख रुपये थी. मकान के विस्तार के लिए अग्रिम राशि को एक लाख 80 हजार रुपये से बढ़ाकर दस लाख रुपये किया गया है. पहले पति-पत्नी दोनों के सेवा में होने पर भी एक को ही इसका लाभ मिलता था, लेकिन अब दोनों इसका लाभ ले सकेंगे.
नए मकान के लिए अग्रिम ऋण अब 34 माह का मूल वेतन या 25 लाख रुपये तक लिया जा सकेगा. जबकि पहले यह 24 माह का मूल वेतन या साढ़े सात लाख रुपये तक लिया जा सकता था. बदले नियम यह कहते हैं कि पुराने मकान के विस्तार के लिए अग्रिम ऋण जहां पहले एक लाख अस्सी हजार रुपये तक लिया जा सकता था वह ऋण अब दस लाख रुपये लिया जा सकेगा.