नई दिल्ली, केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्हीं अखबारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो केवल कागजों पर है। उन्होंने यह बात इस तरह की अटकलों के बीच कही है कि सरकार ने पिछले तीन साल में 3000 से अधिक अखबारों या पत्रिकाओं के प्रकाशन पर रोक लगा दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री नायडू ने कहा कि अखबारों को सरकारी विज्ञापन देने वाली नोडल एजेंसी के तौर पर काम करने वाले विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय की कार्रवाई से एक भी प्रकाशित होने वाले अखबार पर असर नहीं पड़ा है।
नायडू ने सरकार की कार्रवाई को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा, यह खबर गलत है। केवल उन अखबारों पर कार्रवाई की गयी है जो केवल कागजों पर हैं। उन्होंने कहा कि केवल उन समाचार-पत्रों के खिलाफ जांच पड़ताल की गयी जो प्रकाशित नहीं होते लेकिन सरकारी विज्ञापनों के लिए दस्तावेजों में अस्तित्व में हैं। मंत्री ने कहा, अखबारों का प्रकाशन होना चाहिए और तभी उन्हें सरकारी विज्ञापन मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की गलत धारणा बन रही है कि सरकार छोटे अखबारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
नायडू ने कहा कि प्रकाशित होने वाले किसी भी अखबार पर कार्रवाई का सवाल नहीं उठता। उन्होंने कहा कि अगर गलती से किसी अखबार के खिलाफ कोई त्रुटिपूर्ण कार्रवाई हो गयी है तो वह उनसे या उनके मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। नायडू ने कहा कि समस्या इतनी गंभीर है कि एक ही राज्य में 2000 अखबारों के प्रकाशन की बात सामने आई, वहीं एक मामले में एक प्रेस केवल 65 अखबार छाप रहा था।