नयी दिल्ली, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के प्रमुख हीरा सिंह मरकाम ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस के बजाए समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ तालमेल करेगी। उन्होंने कांग्रेस पर गठबंधन बनाने में ’हिचकिचाहट’ दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब बहुत देर हो गई है क्योंकि छत्तीसगढ़ में नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया चल रही है और दूसरे दलों ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिये हैं। उन्होंने कहा बिलासपुर में बने पार्टी मुख्यालय से टेलीफोन पर पीटीआई भाषा को बताया कि जीजीपी छत्तीसगढ़ में 60 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी जबकि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा 18 सीटों पर जोर आजमाइश करेगी।
उन्होंने सपा के चुनाव चिह्न साइकिल का जिक करते हुए कहा, ’’ इसका हैंडल अब हमारे जबकि पैडल उनके हिसाब से चलेगा।’’ जीजीपी का छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों पर खासा असर माना जाता है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के कुछ प्रतिनिधियों ने उनकी पार्टी के लोगों से बात की थी, लेकिन छत्तीसगढ़ के किसी बड़े नेता या जिम्मेदार पदाधिकारी ने उनसे बात नहीं की। उन्होंने कहा, ’’ अगर कोई बात न करना चाहे, और अगर वह ऐसा करता भी है, तो वह कहता है कि एक सीट ले लो या तीन सीट ले लो, तो ऐसे में बातचीत कैसे परवान चढ़ सकती है। मरकाम ने कहा कि मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से उनकी बातचीत हुई थी लेकिन सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन सकी।
गौरतलब है कि इन चुनावों में बसपा का गठबंधन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के साथ है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी के प्रतिनिधियों की कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख कमल नाथ से बात हुई लेकिन जितनी सीटें उन्हें दी गई वो उन्हें नामंजूर थीं। मरकाम का ये बयान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के उस बयान के बाद आया है जिमसें सपा और जीजीपी के साथ संभावित गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल में उन्होंने कहा था कि वे सभी संभावित सहयोगियों के साथ संपर्क में है। उनका आखिरी मकसद भारतीय जनता पार्टी हो हराना है और किसी गठबंधन को बनाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस के साथ कोई अब भी कोई तालमेल होने की गुंजाइश के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर अब दोनों दलों को हाथ मिलाना है तो उन्हें कुछ न कुछ छोड़ना होगा। ’’कांग्रेस के पास आदिवासी इलाकों में सीटें हैं। मैंने भी आदिवासी इलाकों में काम किया है। इसलिए न तो कांग्रेस सीटे छोड़ने के पक्ष में है और न ही वह।’’ छत्तीसगढ़ में नामांकन प्रारंभ हो चुके हैं इसलिए अब गठबंधन बनाना आसान नहीं रह गया है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उनका गठबंधन मजबूत विकल्प दे रहा है। इस राज्य के उत्तरी इलाकों में सपा का तो दक्षिण में उनकी पार्टी का असर है। यहां सपा 50 जबकि उनकी पार्टी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में दो चरणों 12 और 20 नवम्बर को वोट डाले जायेंगे जबकि मध्य प्रदेश की 280 विधानसभा सीटों के लिए 28 नवम्बर को वोट डाले जायेंगे जबकि मतों की गणना 11 दिसम्बर को होगी।
भाषा शोभित