चेन्नई, चंद्रयान -3 ने आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से आज से 40 दिन पहले शुरू अपनी उड़ान काे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर खत्म की और इसके साथ ही अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत को शिखर पर बैठा दिया।
भारत ने विश्व गुरु बनने की दिशा में बड़ी छलांग लगाते हुए चांद के उस हिस्से पर राष्ट्रीय ध्वज लहरा दिया जहां आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया था।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान -3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रच दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि आज सफलता की अमृत वर्षा हुयी है। देश ने धरती पर सपना देखा और चांद पर साकार किया।
कुछ दिन पहले रूस ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन उसका लूना-25 अंतरिक्ष यान चांद की सतह से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस देश के करीब 50 साल बाद किसी चंद्रयान को भेजा था। ऐसे में भारत के चंद्रयान-3 मिशन की अहमियत और बढ़ गई थी। पूरी दुनिया की नजर इस मिशन पर थी। चंद्रयान-3 की सफलता के लिए देश के कोने-कोने में आज सुबह से पूजा, प्रार्थना और इबादत की दौर शुरू हो गयी थी।इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान -3 को चांद की ऐसी सतह पर उतरा है जो मुश्किलों की जाल से घिरी है। सबसे बड़ी चुनौती यहां का अंधेरा था। यहां पर लैंडर बिक्रम को उतारना काफी मुश्किल था क्योंकि चांद पर पृथ्वी की तरह वायुमंडल नहीं है। हमारे वैज्ञानिकों ने मुश्किलों को ‘राई’ बनाकर पुरानी गलतियों से बड़ी सबक लेते हुए चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर ‘प्रज्ञान’ को चांद के उस आगोश में पहुंचाकर सांस ली, जहां से कई खगोलीय रहस्यों का परत-दर परत खुलेगा।
वर्ष 2019 में चंद्रयान -2 के असफल सॉफ्ट लैंडिंग से बड़ा सबक देते हुए वैज्ञानिकों ने इसरो प्रमुख एस सोमनाथ के नेतृत्व में दिन-रात मनोयोग से कठिन मेहनत की और चंद्रयान -3 को तैयार करने में अभूतपूर्व सुरक्षा और सावधानी बरतीं।
डॉ. सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान -3 की साॅफ्ट लैंडिग के लिए बैकअप प्लान के भी बैकअप तैयार किये गये थे।
भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता पर देश-विदेश से बधाइयों का तांता लग गया है। आज भारत न केवल ‘सारे जहां से अच्छा’ बल्कि ऊंचा भी हो गया है।
डॉ़ सोमनाथ ने आज शाम छह बजकर चार मिनट पर लैंडर विक्रम के सॉफ्ट लैंडिग के साथ कहा, “चंद्रमा पर हैं भारतीय’ ,भारत चंद्रमा पर है।”
भारत के कई संस्थान और लोगों ने इसरो का लाइव प्रसारण देखा और ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने दक्षिण अफ्रीका गये प्रधानमंत्री ने भी चंद्रयान -3 की लैंडिग का सीधा प्रसारण देखा। कुछ समय बाद इसरो ने एलान किया, “भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।”
श्री मोदी ने इस मौके पर देशवासियों और वैज्ञानिक समुदाय को बधाई दी।