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जगदीप धनखड़ ने युवाओं को सशक्त बनाने का आह्वान किया

नयी दिल्ली, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि युवाओं को शिक्षा, अवसर और जिम्मेदारी की भावना से सशक्त बनाकर एक अधिक समावेशी और टिकाऊ भविष्य का निर्माण किया जा सकता है।

जगदीप धनखड़ ने सोमवार को राज्यसभा के 267वें सत्र का प्रारंभ करते हुए कहा कि एक जीवंत और क्रियाशील संसद लोकतंत्र की जीवनरेखा है।

उन्होंने कहा, “इस पवित्र सदन में, बहुलवादी, गतिशील और आकांक्षी समाज की आवाज़ें मिलती हैं, खासकर हमारे युवाओं की, जो हमारे देश की असीम ऊर्जा और सपनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।” उन्होंने कहा कि युवाओं को शिक्षा, अवसर और जिम्मेदारी की भावना से सशक्त बनाकर, हम एक अधिक समावेशी और टिकाऊ भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

सभापति ने कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सार का एक शानदार उत्सव है। यह विविधता में एकता, सामूहिक कल्याण, तथा सत्य, सहिष्णुता और सद्भाव के प्रति स्थायी प्रतिबद्धता के दर्शाता है। उन्होंने

सदन की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखने का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए कहा कि सदन में बहस और निर्णय राष्ट्र की सेवा की महान आकांक्षाओं से प्रेरित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी मतभेदों को दूर करते हुए मिलकर ऐसी नीतियां बनाई जानी चाहिए जो वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को ऊंचा उठाएं।

जगदीप धनखड़ ने कहा कि सत्र के दौरान उद्देश्यपूर्ण विचार-विमर्श, सम्मान के साथ सहयोग तथा दूरदर्शिता के साथ कानून बनाए जाने चाहिए।