कानपुर, रॉस टेलर के लिए पिछले पांच महीने “अजीब” रहे हैं। 23 जून को न्यूज़ीलैंड को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में चौका मार कर जीत दिलाने के बाद से, उन्होंने कोई क्रिकेट नहीं खेला है। अब जब वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में न्यूज़ीलैंड का अगला चक्र शुरू करने के लिए अपने ब्रेक से लौट रहे हैं, तो उन्हें पता है कि अगर प्रदर्शन के मामले में कुछ भी ग़लत हुआ तो उनके लिए चीज़ें कठिन हो जाएगी। इसके अलावा वह भारत में भारतीय टीम का सामना करेंगे, जो एक कठिन कार्य साबित हो सकता है।
टेलर ने कहा,”हम कह सकते हैं कि हम अब विश्व चैंपियन हैं। हालांकि अब हमें इसकी रक्षा भी करनी है। इस बात में कोई दो मत नहीं है कि इस प्रकिया को शुरू करने के लिए भारत एक कठिन जगह है। हमने पिछली बार श्रीलंका में शुरुआत की थी और हमने उस श्रृंखला को ड्रॉ किया था। मुझे यकीन है कि आने वाले दो साल बहुत अच्छे होंगे।”
न्यूज़ीलैंड मौजूदा डब्ल्यूटीसी चक्र में भारत, पाकिस्तान और इंग्लैंड का दौरा करेगा और घर में बंगलादेश, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका से खेलेगा। पिछले चक्र में उन्होंने श्रीलंका में एक ड्रॉ श्रृंखला के साथ शुरुआत की थी लेकिन वह ऑस्ट्रेलिया में 3-0 से हार भी गए थे। वहीं उन्होंने घरेलू पिचों पर भारत, वेस्टइंडीज़ और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जीत हासिल की थी। इसके बाद कोविड काल में कई सीरीज़ रद्द भी हुई ।
टेलर का मानना है कि भारत में सीरीज़ की चुनौतियों से पार पाने के लिए अनुभव महत्वपूर्ण होगा। “हमने कई सालों तक एक अंडरडॉग टीम के रूप में खेला है। लेकिन अब हम एक चैंपियन के रूप में आ रहे हैं। लेकिन जब भी आप भारत के ख़िलाफ़ भारत में खेलते हैं तो आप अंडरडॉग बन जाते हैं, चाहे आप नंबर 1 हों। वे कुछ खिलाड़ियों को आराम दे रहे हैं लेकिन वे अभी भी कठिन पक्ष हैं और इन परिस्थितियों को अच्छी तरह से जानते हैं।”
उन्होंने कहा,”जिस तरह से हम इन परिस्थितियों के अनुकूल होंगे, वह आगे चलकर महत्वपूर्ण होने जा रहा है। हमारे कुछ खिलाड़ी पहले भी यहां खेल चुके हैं। हम उम्मीद करते हैं कि उस अनुभव का उपयोग चीज़ों को थोड़ा आसान बनाने में हमारा सहायक होगा, लेकिन हम जानते हैं कि यह कठिन होने जा रहा है।”
टेलर को भारत में टेस्ट क्रिकेट खेलने का कुछ अनुभव है। 2010, 2012 और 2016 में वह भारतीय दौरे पर रहे हैं। अपने अनुभव के ज़रिए वह भारत के गेंदबाज़ों से कैसे निपटना है, इसके लिए योजना बना सकते हैं। उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से भारत में स्पिन एक प्रमुख भूमिका निभाती है। नई गेंद, यह थोड़ा सा हरक़त कर सकती है लेकिन यह कभी-कभी स्कोर करने का सबसे आसान समय भी हो सकता है। भारत के पास विश्व स्तरीय स्पिनर हैं और जानते हैं कि इन परिस्थितियों में बल्लेबाज़ों को कैसे आउट करना है। न्यूज़ीलैंड की टीम भारत के विरूद्ध पहला टेस्ट 25 नवंबर से कानपुर में और दूसरा 3 दिसंबर से मुंबई में खेलेगी।