जब हो आपको पेड़ू में दर्द तो न करें उसे इग्नोर


क्या होता है पेल्विक कॅन्जेशन सिंड्रोम:- शरीर में कई रक्तवाहिनियां होती हैं, जिनमें छोटे-छोटे वाल्व होते हैं जो रक्त को रक्त प्रवाह की सही दिशा में पहुंचाते हैं ताकि रक्त हृदय तक पहुंचता रहे। वाल्व उस छोटे से दरवाजे की तरह होते हैं, जो रक्त के प्रवाह होते ही बंद हो जाते हैं ताकि रक्त विपरीत दिशा में न बह सके, लेकिन जब रक्त वाल्व में ही जमा हो जाता है और एक सामान्य प्रक्रिया की तरह प्रवाहित नहीं हो पाता है और पेल्विक भाग में भी जब ऐेसी रक्तवाहिनियों का जमावड़ा हो जाता है, तो उसे पेल्विक कॅन्जेशन सिंड्रोम कहा जाता है। लगभग 20 से 50 वर्ष की महिलाओं में पेल्विक कॅन्जेशन सिंड्रोम हो सकता है।
क्या है पेल्विक कॅन्जेशन सिंड्रोम का इलाज:- आधुनिक उपचारः इस मर्ज का पता लगने के बाद इंटरवेंशनल रेडियोलोजी की मदद से इस रोग का उपचार आसानी से किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में मरीज को बेहोश नहीं किया जाता और महिला को अस्पताल में केवल एक ही दिन रुकना पड़ता है। प्रक्रिया के बाद अधिकतर महिलाएं उसी दिन शाम को घर लौट जाती हैं। शीघ्र ही वे सामान्य रूप से कार्य करने लगती हैं। इस प्रक्रिया के दौरान एक इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट त्वचा पर एक अति सूक्ष्म छिद्र करके पेट के निचले हिस्से से नली (कैथेटर) डालकर एंजियोग्राफी करता है। फिर वेन (शिरा) तक छोटा क्वायल डाला जाता है, जो अक्सर पैरों में वेरीकोज वेन की समस्या को ठीक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। उस क्वायल से वेरीकोज वेन को सील कर दिया जाता है।