चेन्नई, तमिलनाडु मंत्रिमंडल की बैठक में जे. जयललिता मौजूद नहीं थीं, क्योंकि तीन हफ्ते से वह अस्पताल में भर्ती हैं, और उसके बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी में उनकी तस्वीर ने बैठक में शिरकत की। कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाए गए ओ. पनीरसेल्वम ने बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री के अस्पताल में भर्ती होने के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी, मगर जयललिता की तस्वीर को मेज पर रख कर पन्नीरसेल्वम ने बैठक की लेकिन वे बैठक के पूरे समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठे।
बुधवार की मंत्रिमंडल बैठक का मुख्य एजेंडा पड़ोसी कर्नाटक राज्य से जारी कावेरी विवाद पर चर्चा था, क्योंकि इस विवाद पर विपक्षी दल लगातार सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग करते रहे हैं। विपक्षी दलों ने मंगलवार को किसानों के रेल रोको अभियान में शिरकत भी की थी, और मांग की थी कि केंद्र सरकार कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन करे, जिसका विरोध कर्नाटक करता आ रहा है। 68-वर्षीय जयललिता को 22 सितंबर को चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी पार्टी ने शुरू में बताया कि उन्हें बुखार तथा डीहाईड्रेशन की शिकायत है, लेकिन बाद में डॉक्टरों ने पुष्टि की कि वह रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर हैं, और उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन है। उनके उपचार पर नजर रखने के लिए इंग्लैंड से कई बार विशेषज्ञ भी आए, और दिल्ली के एम्स से भी तीन डॉक्टर उनकी स्थिति देखने के लिए चेन्नई भेजे गए थे।
पनीरसेल्वम को राज्यपाल ने सौंपी थी जयललिता की जिम्मेदारियां: पनीरसेल्वम को पिछले हफ्ते ही कार्यवाहक राज्यपाल विद्यासागर राव ने मुख्यमंत्री की सलाह पर उनके सारे विभाग सौंपे थे। जयललिता के कामकाज फिर से संभालने तक यह व्यवस्था रहेगी, वह मुख्यमंत्री बनी रहेंगी।राज्यपाल ने पनीरसेल्वम को कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता करने का अधिकार भी दिया था. माना जा रहा है कि बैठक का प्रमुख मुद्दा कावेरी जल विवाद ही रहेगा।
इससे पहले पन्नीरसेल्वम, भ्रष्टाचार के मामले में जयललिता के जेल जाने के बाद सत्ता संभाल चुके हैं। तब उन्होंने अपनी वफादारी दिखाते हुए अाठ महीने तक जयललिता के कार्यालय और विधानसभा में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से मना कर दिया था।