लखनऊ, कानपुर से वाराणसी तक गंगा में 570 किमी तैरकर रिकॉर्ड बनाने का दावा करने वाली जलपरी श्रद्धा शुक्ला का हर दिन 80 से 100 किमी तैरने का दावा फर्जी है। यह जानकारी फिल्ममेकर विनोद कापरी ने दी. फिल्ममेकर विनोद कापरी ने बकायदा फोटो और वीडियो भी शेयर किया है। विनोद कापड़ी ने श्रद्धा के पिता ललित शुक्ला के खिलाफ मिर्जापुर के विंध्याचल थाने में तहरीर दी है।
फिल्ममेकर विनोद कापरी ने बताया कि श्रद्धा केवल दो से तीन किमी ही हर दिन तैरती थीं। उनका रोज 80 से 100 किमी तक तैरने का दावा झूठा है। कापरी के मुताबिक, जब वो शूट कर रहे थे तो उन्हें श्रद्धा की असलियत जानकर काफी ठेस पहुंची। इसके अलावा जब घाट पर सैकड़ों लोग उसका इंतजार करते और गंगा मां का अवतार मानकर पैर छूते या आरती उतारते तो काफी दुख होता था। इस तरह लोगों की भावनाओ और विश्वास से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं हुआ, जिसके बाद मजबूर होकर इसका खुलासा करना पड़ा।
कापरी ने श्रद्धा के साथ तैराकी करने वाले गोताखोरों और नौका दल के सदस्यों का भी इंटरव्यू लिया। इसमें उनसे नौकादल प्रमुख मान सिंह पासवान, गोताखोर पिंटू निषाद और राम मिलन निषाद ने कई खुलासे किए। इन लोगों ने कापरी से बताया कि जलपरी घाट आने के 500 मीटर पहले पानी में उतरती है। इसके अलावा वह भीड़ दिखने पर ही तैरना शुरू कर देती है। बाकी पूरा समय नाव पर ही बिताती है।
शूटिंग के दौरान कापरी के साथ काम करने वाले असिस्टेंट डायरेक्टर मानव यादव ने भी जलपरी पर खुलासा किया। मानव ने बताया कि जब श्रद्धा घाट से कुछ दूर तैरकर निकल आती थी, तो उसके पिता कहते थे कि पानी में बहुत मगरमच्छ हैं वापस आ जाओ। वे इसी तरह अन्य जीवों का खतरा बताकर श्रद्धा को वापस नाव पर बुला लेते थे। इसके बाद घाट आने पर जलपरी फिर से पानी में उतर जाती थी। यह देखकर इलाहाबाद के आगे शूटिंग बंद करने का फैसला लिया गया।
कापरी ने बताया कि श्रद्धा केवल अपने पिता ललित शुक्ला के इशारे पर तैर रही है। ललित यह सब केवल पैसे के लिए कर रहे हैं। पिता द्वारा बच्ची का शोषण करना गलत है।विनोद कापड़ी ने श्रद्धा के पिता ललित शुक्ला पर जान से मारने की धमकी और बदसलुकी का आरोप लगाया है
वैसे भी ओलंपिक में 21 स्वर्ण पदक विजेता अमेरिका के माइकल फेल्प्स दो सौ मीटर की तैराकी 1.54.66 मिनट में पूरा कर रिकार्ड बनाते हैं। वह इसी गति से रोजाना 13 घंटे से अधिक समय तक तैराकी करते हैं तो 570 किलोमीटर का सफर सात दिन में तय कर सकते हैं। लेकिन तैराक प्रशिक्षकों का मानना है कि जैसे-जैसे दूरी बढ़ेगी तैरने की रफ्तार कम हो जाएगी। कम दूरी को पूरा करने में तैराक अपनी अधिकतम क्षमता का इस्तेमाल करता है। लेकिन वह ऐसा कुछ मिनट ही कर सकता है। इसलिए कानपुर की जलपरी के अभियान पर सवाल खड़े हो रहे हैं। तैराकी के विशेषज्ञ यह मानते हैं कि कोई भी तैराक इतनी देर तक लगातार तैराकी नहीं कर सकता है। 81 किलोमीटर की दूरी तय करना मुश्किल है।