हिसार, हरियाणा में चल रहा जाट आरक्षण आंदोलन आज सातवें दिन में प्रवेश कर गया, लेकिन कहीं से भी किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है। उन्होंने बताया कि कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच जाटों ने राज्य में कई स्थानों पर धरना दिया, जो शांतिपूर्ण रहा है। उन्होंने बताया कि नए सिरे से आंदोलन का आह्वान कुछ जाट संगठनों ने किया है। खासतौर पर वैसे संगठनों ने आंदोलन का आह्वान किया है जो यशपाल मलिक की अध्यक्षता वाली अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति से जुड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इससे पहले कहा था कि सरकार ने उन लोगों के रिश्तेदारों को नौकरी देने की जाटों की मांग स्वीकार कर ली थी, जिन्होंने पिछले साल आंदोलन में अपनी जान गंवाई थी और उसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बीच, मलिक हिसार जिले के रामायण गांव में हिसार-रेवाड़ी लाइन पर रेल पटरियों के निकट जाट आरक्षण धरना में शामिल हो गए और शांति और सौहार्द का आह्वान किया। उन्होंने आंदोलनकारियों से आह्वान किया कि रेल और सड़क यातायात को वे बाधित नहीं करें। मलिक ने हालांकि कहा कि हरियाणा में धरना जारी रहेगा जब तक कि सरकार उनकी मांगंे नहीं मान लेती है। उन्होंने कहा, अगर सरकार 11 फरवरी तक उनकी मांगों पर विचार करने में विफल रहती है तो समिति 12 फरवरी से प्रत्येक जिले में धरनों की संख्या बढ़ाएगी।