गुड़गांव, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जाट आरक्षण पर लगे प्रतिबंध पर हरियाणा सरकार को कोई राहत नहीं दी। हरियाणा सरकार और जाट नेता हवा सिंह सांगवान ने जाट समेत छह जातियों को हरियाणा सरकार द्वारा आरक्षण दिए जाने पर लगाए प्रतिबंध को हटाने के लिए याचिका दाखिल की थी। इस मामले में फिलहाल अगली सुनवाई 6 जून को होनी तय है। हाईकोर्ट ने अर्जी पर प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। हाईकोर्ट द्वारा जाट समेत बिश्नोई, जट्ट सिख, रोड, मूला जाट और त्यागी को दिए गए आरक्षण पर लगाए गए 21 जुलाई तक प्रतिबंध लगा दिया है।
31 मई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार की ओर से विशेष सचिव शेखर विद्यार्थी ने अर्जी दाखिल कर हाईकोर्ट से प्रतिबंध वापस लिए जाने की मांग की थी। उन्होंने अदालत को बताया था कि हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार का पक्ष सुने बगैर प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध के कारण प्रदेश में चल रही 41 हजार भर्तियों और राज्य में विभिन्न कोर्सो में 22000 से ज्यादा छात्रो के प्रवेश पर संकट खड़ा हो गया है। अदालत से आग्रह किया था कि इस मामले पर सरकार को राहत दी जाए। लेकिन हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई अर्जी पर सुनवाई की तारीख दी थी। गुरुवार को एक बार फिर हरियाणा सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता जगदीप धनखड़ अदालत में पेश हुए। उधर हरियाणा के जाट नेता हवा सिंह सांगवान ने भी इस बाबत अर्जी दाखिल कर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की। अर्जी दाखिल करते हुए हरियाणा सरकार और हवा सिंह सांगवान ने अदालत को बताया था कि मुराली लाल गुप्ता की याचिका पर हरियाणा सरकार द्वारा जाटों समेत छह जातियों को दिए आरक्षण पर प्रतिबंध उचित नहीं है। इस फैसले को सुनाते समय न तो जाट समाज का पक्ष सुना गया न ही हरियाणा सरकार का।