नई दिल्ली, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सबसे अधिक वोट उत्तर प्रदेश से मिले हैं जबकि चुनाव में मीरा कुमार के खिलाफ मिली जीत में उन्हें बड़े राज्यों में सबसे कम वोट पश्चिम बंगाल से मिले। निर्वाचन अधिकारी द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के अनुसार कोविंद को 4,774 वैध मतों (10,69,358) में से कुल 2,930 मत या 65.35 फीसदी वोट मिले। इस चुनाव में मीरा कुमार को 1,844 (3,67,314 मूल्य) या 34.35 प्रतिशत मत हासिल हुआ। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष को कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले आंध्र प्रदेश में एक भी वोट नहीं मिला, जबकि कोविंद को वामपंथी शासन वाले केरल से एक वोट मिला।
नगालैंड में कोविंद को 56 वोट हासिल हुए जबकि मीरा को एक वोट मिला। सिक्किम में कोविंद के लिए मामला एक तरफा रहा। यहां उन्हें 28 वोट मिले जबकि कुमार को एक वोट मिला। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में कोविंद को 355 वोट (69,680 मूल्य) मिले वहीं कुमार को 65 (13,520) वोट मिले। कोविंद को टीडीपी-भाजपा शासित आंध्र प्रदेश में सभी 171 वैध वोट (27,189 मूल्य) मिले। वोट के हिसाब से दूसरे सबसे ज्यादा मूल्य 50,225 वाले राज्य महाराष्ट्र में कोविंद को कुल वैध 285 वोटों में से 208 वोट मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में कोविंद को 132 जबकि मीरा को 49 वोट मिले।
बिहार में कोविंद को कुल 239 वैध वोट में से 130 वोट मिले, जबकि मीरा को यहां 109 वोट मिले। पश्चिम बंगाल में मीरा कुमार को कुल 284 वैध मतों में से 273 मत हासिल हुआ, जबकि यहां कोविंद को सिर्फ 11 वोट मिले। मीरा कुमार को केरल में कुल 139 वोटों में से 138 वोट मिले, जबकि कोविंद को एक वोट मिला। वहीं, वामपंथ शासित राज्य त्रिपुरा में मीरा को 53 वोट जबकि कोविंद को सात वोट मिले। आप शासित दिल्ली में मीरा को कुल 61 वोटों में से 55 वोट मिले, जबकि कोविंद को छह वोट मिले। राष्ट्रपति चुनाव में राजग के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने आसान जीत दर्ज की है लेकिन आंकड़ों पर गौर करें तो उनका वोट प्रतिशत वर्ष 1974 से लेकर अब तक सबसे कम रहा है।
कोविंद ने राष्ट्रपति चुनाव में कुल 10,90,300 में से 7,02,044 मत प्राप्त किये वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार मीरा कुमार को 3,67,314 मिले। इस हिसाब से निर्वाचित उम्मीदवार को 65.65 प्रतिशत मत मिले। हालांकि जीत का अंतर वर्ष 1974 की तुलना में सबसे कम है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक कोविंद के पूर्ववर्ती प्रणब मुखर्जी को वर्ष 2012 में हुए चुनाव में 69.31 फीसदी वोट मिले थे। वर्ष 2007 में प्रतिभा पाटिल को 65.82 प्रतिशत मिले थे, जो कोविंद की तुलना में थोड़ा अधिक था। के.आर. नारायणन (1997) और एपीजे अब्दुल कलाम (2002) को क्रमशः 94.97 और 89.57 प्रतिशत मत मिले थे।
राष्ट्रपति चुनाव में केवल वर्ष 1977 में ऐसा अवसर आया था जब नीलम संजीव रेड्डी शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्विरोध चुने गये थे। ज्ञानी जैल सिंह (1982) को 72.73, आर. वेंकटरमण (1987) को 72.28 और शंकर दयाल शर्मा (1992) को 65.87 प्रतिशत मत मिले थे। नारायणन के अलावा केवल दो पूर्व राष्ट्रपतियों राजेंद्र प्रसाद और सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 90 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे। प्रसाद को वर्ष 1957 में 98.99 और सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1962) को 98.24 फीसदी वोट मिले थे।