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जानिए, सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सैलरी में कितना बड़ा होगा इजाफा

courtनई दिल्ली,  सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की सैलरी करीब तिगुनी करने की बात कही गई है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायिक क्षेत्र में सबसे ज्यादा एक लाख रुपये प्रति महीने सैलरी पाते हैं। इसमें महंगाई और दूसरे भत्ते शामिल नहीं हैं। अब सीजेआई का वेतन बढ़कर 2.8 लाख प्रति महीना हो सकता है। इसका अलावा उन्हें आधिकारिक आवास, गाड़ियां, स्टाफ और दूसरे भत्ते भी मिलेंगे।

सरकार हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीशों और सुप्रीम कोर्ट के जजों की सैलरी बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये प्रति महीने कर सकती है। इसमें भत्ते शामिल नहीं हैं। इस तरह जजों की सैलरी भी कैबिनेट सेक्रटरी और सीएजी, मुख्य चुनाव आयुक्त जैसे संवैधानिक अधिकारियों के बराबर हो जाएगी। इसी तरह हाई कोर्ट के जजों की सैलरी भी बढ़कर 2.25 लाख रुपये प्रति महीने हो जाएगी, जिसमें भत्ते शामिल नहीं हैं। इस तरह हाई कोर्ट के जजों की सैलरी केंद्र के सेक्रटरी लेवल के अधिकारियों के बराबर हो जाएगी।

सरकार ने वेतन बढ़ाने की सुप्रीम कोर्ट की समिति की सिफारिशों को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया है। तीन जजों की समिति ने भत्तों और दूसरी सुविधाओं के अलावा सीजेआई की सैलरी 3 लाख रुपये से ज्यादा करने की सिफारिश की थी। लेकिन सरकार ने सीजेआई की सैलरी 2.8 लाख रुपये प्रति महीने तय की है जो कैबिनेट सेक्रटरी की सैलरी से थोड़ा ज्यादा है। जजों के पैनल ने सेवानिवृत्त जजों की पेंशन में भी काफी इजाफा करने की सिफारिश की थी।

तीन जजों की समिति ने कुछ महीने पहले ही सरकार को अपनी सिफारिशे सौंपी थी। सूत्रों के मुताबिक जजों की सैलरी बढ़ाने के लिए कैबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है जिसे जल्द ही मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून मंत्री जजों की सैलरी में संशोधन संबंधी विधेयक संसद में पेश करेंगे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की सैलरी हर 10 साल पर संशोधित होती है।

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