लखनऊ। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नयी पार्टी या मोर्चा बनाने से इनकार कर दिये जाने से शिवपाल सिंह काफी आहत हुये हैं। वे जल्द ही अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे।
जानिये, मुलायम सिंह ने कैसे सरकायी, शिवपाल यादव के पैरों तले जमीन…
मुलायम सिंह के कदम से शिवपाल यादव खफा हैं और इसीलिए वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं पहुंचे। उनके पास अब मुलायम सिंह का साथ छोड़कर दूसरा रास्ता अख्तियार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। शिवपाल को साफ नजर आने लगा है कि मुलायम सिंह अपने बेटे अखिलेश यादव के फायदे के लिए उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, शिवपाल सिंह यादव जल्द ही अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। लोकदल अध्यक्ष सुनील सिंह लगातार उनके संपर्क मे हैं. इसके अलावा, वह अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर एक मोर्चा भी बना सकतें हैं। शिवपाल ने जून महीने में ही घोषणा कर दी थी कि वह सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने के लिये समाजवादी सेक्यूलर फ्रंट बनायेंगे।
मुलायम सिंह की प्रेस कॉफ्रेंस के बाद मीडिया के हाथ लगे प्रेस नोट में भी नई पार्टी के गठन का साफ उल्लेख किया गया है। इसमें लिखा है कि, “देश के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान रखते हुए मैंने फैसला किया है कि अलग संगठन दल बनाकर समान विचारधारा वाले लोगों को साथ लेकर अलग राजनैतिक रास्ता बनाया जाएगा”।
शिवपाल यादव का वैसे तो हर पार्टी की टाप लीडरशिप से बेहतर संबंध हैं. लेकिन अगर वह मुलायम सिंह का साथ छोड़ते हैं तो ये तय है कि उनकी पहली पसंद बीएसपी होगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भी जब उनके खास अंबिका चौधरी ने सपा छोड़कर बसपा ज्वाइन की थी तभी यह कयास लगाया जा रहा था कि अब शिवपाल यादव भी बसपा मे जा सकतें हैं।
बीजेपी की ओर से भी शिवपाल यादव के लिये पार्टी मे शामिल होने का आफर है। यदि वह बीजेपी ज्वाइन करतें हैं तो बीजेपी यूपी मे सपा को नुकसान पहुंचाने के लिये उन्हे अच्छी पोजीशन देकर यादव और पिछड़े वर्ग के वोट मे सेंध लगा सकती है।
वैसे वह सीधे बीजेपी मे न शामिल होकर, नीतीश कुमार की जेडीयू में शामिल होकर अप्रत्यक्ष तौर पर बीजेपी के साथ आ सकते हैं। एसी स्थिति मे, वह यूपी मे जेडीयू अध्यक्ष का पद भी संभाल सकतें हैं।