नियमित व्यायाम के फायदों से हम सब वाकिफ हैं, फिर भी व्यायाम बहुत कम लोगों की जीवनशैली का हिस्सा बन पाता है। डायबिटीज पीड़ितों के लिए दवा और खानपान के साथ कौन से व्यायाम रहते हैं फायदेमंद, बता रही हैं हम… विभिन्न शोध डायबिटीज को नियंत्रण में रखने में व्यायाम की भूमिका को स्वीकार करते हैं। नियमित व्यायाम न केवल सक्रियता बढ़ाता है, बल्कि टाइप-2 डायबिटीज को पूरी तरह नियंत्रित रखने में भी मदद कर सकता है। सही व्यायाम खून में शुगर की ज्यादा मात्रा होने के बावजूद कई समस्याओं को बढ़ने से रोक देता है। व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। डायबिटीज के मरीज की आयु व शुगर की स्थिति के अलावा दिल की सेहत भी मायने रखती है। इसी आधार पर हर किसी की जरूरत के अनुरूप व्यायाम की सलाह दी जाती है। एक सप्ताह में कम-से-कम 200 से 250 मिनट एरोबिक्स व अन्य व्यायाम करें। क्या-क्या हैं व्यायाम के फायदे -दिल से जुड़ी बीमारियों व हार्ट स्ट्रोक का खतरा कम होता है। -नियमित रूप से व्यायाम करने से नींद अच्छी आती है।
- तनाव से लड़ने में मदद मिलती है।
- हानिकारक कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप कम होता है।
- दैनिक कार्यों के लिए पर्याप्त ऊर्जा मिलती है।
- डायबिटीज के मरीजों के लिए अपना वजन नियंत्रण में रखना जरूरी होता है। नियमित व्यायाम से यह संभव है।
- खून में शुगर के बढ़े हुए स्तर से शरीर का रक्तसंचार प्रभावित होता है। नियमित व्यायाम से रक्तसंचार बेहतर होता है और खून पूरे शरीर में आसानी से पहुंच पाता है।
- ये पांच व्यायाम करेंगे मदद…
टहलना: टाइप 2 डायबिटीज से निबटने में नियमित टहलने को सबसे उपयोगी माना जाता है। सप्ताह में कम-से-कम 250 मिनट जरूर टहलें। इसके लिए सप्ताह में छह दिन 40 से 45 मिनट तक आपको टहलना होगा। ऑफिस में भी सक्रिय रहने की कोशिश करें। हर दो घंटे पर पांच मिनट जरूर टहलें।
वेट ट्रेनिंग: वेट ट्रेनिंग मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए मजबूत मांसपेशियां बहुत जरूरी होती हैं। अपने डायबेटिक मैनेजमेंट प्लान के तहत सप्ताह में पांच दिन तीन किलो तक के वजन से पांच से दस मिनट वेट ट्रेनिंग करें।
योगासन: नियमित योगासन करने से वसा कम होती है, इंसुलिन नियंत्रण में रहता है और तंत्रिका तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। योगासन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इसे किसी भी वक्त कर सकते हैं।
साइक्लिंग: नियमित रूप से साइक्लिंग करने से दिल मजबूत बनता है और फेफड़े बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं। साइकिल चलाने से शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्तसंचार बेहतर होता है और वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलती है।
तैराकी: डायबिटीज के मरीजों में खासतौर पर पैर की ओर रक्तसंचार कम हो जाता है। तैराकी में टहलने या जॉगिंग की तरह पैरों पर ज्यादा जोर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती और पूरे शरीर का व्यायाम भी हो जाता है।