लखनऊ, उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसरों को तलाशने के मकसद से जापान के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।
अधिकृत सूत्रों ने बताया कि जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान एवं उत्तर प्रदेश के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहित करने एवं निवेश के अवसरों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से इन्वेस्ट यूपी द्वारा आयोजित इस संवाद सत्र का प्राथमिक फोकस जापान और उत्तर प्रदेश के बीच व्यापारिक संबंधों को स्थापित करने के साथ-साथ सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम में भारत में जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार एवं जापान की सरकार के सहयोग के एक नए युग की शुरुआत के लिए महत्वपूर्ण समय है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बढ़ती मित्रता के कारण भारत-जापान संबंध काफी प्रगाढ़ हुए हैं।
विकास के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए राज्य मंत्री, औद्योगिक विकास जसवन्त सिंह सैनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास में अग्रणी राज्य है। निवेशकों के लिए सिंगल-विंडो पोर्टल, निवेश मित्र, निवेशक प्रबंधन पोर्टल-निवेश सारथी आदि प्रारंभ करने वाला अग्रणी राज्य उत्तर प्रदेश है।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ऊर्जा क्षेत्र में निवेश आमंत्रित करने के लिए जापानी कंपनियों को पूर्ण समर्थन के लिये आश्वस्त करती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का लक्ष्य वर्ष 2027 तक 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करना है। सरकार पहले चरण में 4000 मेगावाट और दूसरे चरण में 3000 मेगावाट सौर ऊर्जा खरीदने की योजना बना रही है। सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की नीति के साथ-साथ जैव ईंधन के लिए भी नीति की घोषणा की है और जल्द ही हरित हाइड्रोजन के लिए भी नीति की घोषणा की जाएगी।
एआरएमएस इनकॉर्पोरेशन के प्रतिनिधि ने अपनी जापानी कंपनी के माध्यम से उत्तर प्रदेश की विशाल युवा जनसंख्या को उचित कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार के क्षेत्र में परस्पर लाभ पर प्रकाश डाला। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश ने कहा कि उत्तर प्रदेश निवेश के लिए पसंदीदा स्थान बन गया है। प्रदेश व्यापार करने के लिए सबसे आसान राज्यों में से एक है। प्रदेश में विकसित किए जा रहे विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, जैसे एक्सप्रेसवेज़, हवाई-अड्डे, औद्योगिक पार्क आदि की जानकारी देते हुए, उन्होंने कहा कि निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक विशेष एफडीआई नीति के साथ, राज्य दुनिया भर के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
जेट्रो (जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन) के मुख्य महानिदेशक, तकाशी सुजुकी ने कहा कि जापान भारत को वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में देख रहा है और उत्तर प्रदेश एक वैश्विक व्यापार केंद्र बन गया है। जापानी कंपनियों के लिए उत्तर प्रदेश निवेश के लिए सबसे पसंदीदा राज्य है।
ओएमसी पावर, जेबीआईसी, जेट्रो और एआरएमएस जैसी जापानी कंपनियों ने राज्य की प्रगति और विकास की अपार संभावनाओं को पहचानते हुए उत्तर प्रदेश में निवेश करने में गहरी रुचि दिखाई है। निवेश की यह उत्सुकता न केवल राज्य की आर्थिक क्षमता को दर्शाती है, बल्कि जापान और उत्तर प्रदेश के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों और साझेदारी को भी दर्शाती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग और निवेश का मार्ग प्रशस्त करती है।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कार्यरत जापान की प्रमुख कंपनियों की सूची में होंडा मोटर्स, यामाहा मोटर्स, डेंसो, टोयो इंक, निसिन एबीसी लॉजिस्टिक्स, सेकिसुई डीएलजेएम मोल्डिंग, मित्सुई एंड कंपनी शामिल हैं।