नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ;जेएनयूद्ध के छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी के मामले की जांच आज केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दी। नजीब अक्टूबर 2016 से गुमशुदा है।
न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी और न्यायमूर्ति रेखा पिल्लई की खंडपीठ ने नजीब की मां फातिमा नफीस की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने से उसे कोई आपत्ति नहीं है।
पुलिस उपायुक्त राम गोपाल नाईक ने पुलिस का पक्ष रखते हुए कहा कि मामले की जांच उचित तरीके से की गयी। देश भर में नजीब की तलाश की गयी लेकिन उसका पता नहीं चल सका।
जेएनयू में एमएससी प्रथम वर्ष का छात्र नजीब अहमद 14 अक्टूबर 2016 की रात से ही जेएनयू छात्रावास से लापता है।
कहा जा रहा है कि गुमशुदगी से एक दिन पहले उसका भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ;एबीवीपीद्ध के कुछ सदस्यों से झगड़ा हुआ था। एबीवीपी ने हालांकि इस मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।
न्यायालय ने इससे पहले पुलिस की जांच पर असंतोष जताते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस इस मामले से बच निकलने का रास्ता ढूंढ़ रही है। वह अंधेरे में तीर चला रही है। न्यायालय ने कहा कि पुलिस ने जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दायर कीए लेकिन इस रिपोर्ट को नजीब के वकील के साथ साझा नहीं किया। उस रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे साबित हो कि नजीब इंटरनेट पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के बारे में जानकारियां जुटाता था।