जेलों में कैदी अब अपने परिजनों से टेलीफोन पर बात कर सकेंगे.कैदियों को अपने बीबी बच्चों से जेल के फोन से बात कराई जाएगी. इसके लिए ये जरूरी है कि कैदी के घर पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शन होना चाहिए. इस नई योजना को जल्द ही शुरू किया जाएगा.प्रदेश के जेल मंत्री बलवन्त सिंह रामूवालिया के इस प्रस्ताव को अखिलेश सरकार ने हरी झंडी दे दी है. अब जल्द ही कैदी अपने घर बातकर घरवालों से हालचाल पूछ सकेंगे.बलवन्त सिंह रामूवालिया ने कहा कि सपा सरकार जेलों की तस्वीर बदल रही है. जेलों में जो कैदी होते हैं उन्हें सुधरने का मौका देना भी जरूरी है, इसलिए जेलों को सुधारगृह की तरह बनाया जा रहा. नई जेलों का निर्माण कराने की योजना है.
रामूवालिया ने कहा कि सपा मुखिया और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस योजना को जेल में लागू करने को हामी भर दी है. जेल स्टाफ बात कराते वक्त वहां मौजूद रहेगा. कॉल पर नजर रखने की भी व्यवस्था की जा रही है. जेलों में कैदियों से मुलाकात के दिन भी बढ़ाए जा रहे. दो की जगह अब तीन दिन मुलाकात कराई जाएगी.जेल मंत्री ने कहा कैदियों के साथ जेल के अफसरों और स्टाफ की सुविधाओं का ख्याल भी रखा जा रहा है. अफसरों कर्मचारियों को अपने काम के लिए रविवार को छुट्टी मिलेगी, इसलिए मुलाकात रविवार को नहीं, बल्कि शनिवार को कराई जाएगी. जिससे जेल स्टाफ अपने घर और परिवार को वक्त दे सकें.मंत्री ने ये भी कहा कि अंग्रेजों के जमाने के जेल के कानूनों को कुछ बदलाव की जरूरत है. यूपी की जेलों में अलग और पड़ोसी राज्यों में अलग कानून भी खत्म होंगे. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से कानूनी राय मांगी है.
जेलों के सुधार को सपा सरकार हर कदम उठाएगी और जेलों को सुधार गृह बनाएगी. कैदियों के लिए रोजगार के कार्यक्रम चला उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने का भी कार्यक्रम है.
रामूवालिया ने बताया कि सिफारिश तो जायज है पर पैसे लेकर जेल कर्मचारियों अफसरों के तबादलों का जो धब्बा विभाग पर था वो अब नहीं चलेगा. पैसे देकर लेकर कोई तबादले नहीं होंगे.