Breaking News

ट्रंप की नीति से डरे हुए हैं प्रवासी, सता रहा है देश छोड़ने का डर-निशा देसाई

nishaवाशिंगटन, अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रवासी नीति को लेकर अभी तक वहां बसे प्रवासियों में डर व्याप्त है। इसकी एक झलक उस वक्त दिखाई दी जब ओबामा प्रशासन में दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के विभाग में सहायक सचिव के पद पर नियुक्त भारतीय मूल क निशा देसाई बिसवाल नेे इसका खुलासा किया। भारतीय मूल की सहायक सचिव ने कहा कि ट्रंप की जीत से डरी उनकी बेटियों ने एक बार यह सवाल कर उन्हें चौंका दिया था कि क्या ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें भी देश छोड़कर जाना होगा।

उन्होंने कहा कि ट्रंप की भावी नीति को लेकर छाए डर के उस अनुभव को उन्होंने खुद अपने घर में परिवार के बीच महसूस किया। इस बात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रवासियों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की सोच से देशभर में लाखों प्रवासी डरे सहमे हैं। उन्हें लगता है कि ट्रंप के पद पर आसीन होने के बाद वह अमेरिका में नहीं रह सकेंगे। देश छोड़ने का डर न सिर्फ प्रवासियों में बल्कि अल्पसंख्यकों में भी बना हुआ है। उन्होंने अपने इस अनुभव को साझा करते हुए बताया कि चुनाव के बाद उन्हें इस डर का अनुभव अपने घर में हुआ था। शा ने कहा कि उनके सात और नौ वर्ष के बच्चों ने यह सवाल पूछकर उन्हें चौंका दिया था। उनके सवालों के जवाब में निशा ने उन्हें समझाया कि ट्रंप की प्रवासियों के लिए बनाई गई नई पॉलिसी का अर्थ यह नहीं होगा कि उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ेगा।

उन्होंने अपने बच्चों को कहा कि उनके प्रवासी होने का अर्थ यह नहीं है कि उन्हें ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद देश छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि वह अमेरिकन हैं और उन्हें यहां पर वह समान अधिकार प्राप्त हैं जो किसी अमेरिकी मूल के व्यक्ति को मिले हुए हैं। इसलिए उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। अपने बच्चों के सवालों से चकित रही निशा ने अपने बच्चों को समझाते हुए कहा कि वह देश में कहीं भी बे-झिझक आ जा सकते हैं। उन्होंने अपने बच्चों से यह भी कहा कि वह देश के विकास में भागीदार रहे हैं और आगे भी रहेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह अमेरिका में किसी दूसरेे अमेरिकी नागरिक की ही तरह महत्वपूर्ण हैं। इस डर का अनुभव करने वाली निशा ने कहा कि यदि ट्रंप प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करेंगे और उनका सम्मान करेंगे तो वह अमेरिका को आगे ले जा पाने में भी सफल साबित होंगे। इसके अलावा वह सभी अमेरिकियों के बीच विश्वास कायम कर पाने में भी सफल होंगे और देश का सफल नेतृत्व कर सकेंगे। निशा ने कहा कि वह उन लोगों की मनोदशा को बेहतर तरीके से समझती हैं जिन्हें इस तरह का डर सता रहा है। ऐसे लेागों को भविष्य की अनिश्चित्ता सता रही है कि आगे क्या होगा। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के प्रवासियों को लेकर काफी कड़ा रुख अपनाने का संकेत कई बार खुले मंच से दे चुके हैं। निशा से पहले पेप्सी कॉ की चेयरमैन इंदिरा नूई ने भी इस तरह की बात मीडिया में रखी थी। नूई ने भी कहा था कि उन्होंने भी इस डर को अपने घर में उस वक्त महसूस किया था जब उनके बच्चों ने इसी तरह का सवाल उनसे किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *