कोलकाता, इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की 5 और आई-लीग की 3 फ्रेंचाइजी, प्रतिष्ठित डूरंड कप फुटबॉल टूर्नामेंट में ख़िताब के लिए प्रतिस्पर्धा लड़ने वाली 16 टीमों में से एक होंगी। कोलकाता और उसके आसपास के स्टेडियमों में खेला जाने वाला डूरंड कप पांच सितम्बर से शुरू हो कर तीन अक्टूबर , 2021 तक चलेगा। लगातार काफी वर्षों से दिल्ली में आयोजित होने वाला डूरंड कप 2019 में पहली बार इंडियन फुटबॉल के मक्का कहे जाने वाले कोलकाता में स्थानांतरित हुआ था और यह डूरंड कप का 130वां संस्करण होगा।
सशस्त्र बलों की ओर से पारंपरिक रूप से भारतीय सेना द्वारा आयोजित दुनिया का तीसरा सबसे पुराना और एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी इस वर्ष भी पश्चिम बंगाल सरकार संयुक्त रूप से कर रही है, जोकि आयोजन के सभी पहलुओं में काफी प्रशंसनीय समर्थन प्रदान कर रही है।
एफसी गोवा और बेंगलुरु एफसी जैसे शीर्ष आईएसएल फ्रेंचाइजी के अलावा, भारत के शीर्ष डिवीजन के क्लब केरला ब्लास्टर्स, जमशेदपुर एफसी और हैदराबाद एफसी इस टूर्नामेंट का हिस्सा होंगे। इन्हें चुनौती पेश करने के लिए आई-लीग की 3 टीमें टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगीं जिनमें 100 वर्ष पुराना और 1940 में डूरंड कप जीतने वाला सबसे पहले भारतीय क्लब मोहम्मडन स्पोर्टिंग के साथ साथ डूरंड कप के गत चैंपियन गोकुलम केरला और दिल्ली के सुदेवा एफसी शामिल होंगें ।
एफसी बेंगलुरू यूनाइटेड और दिल्ली एफसी भारतीय फुटबॉल के दूसरे डिवीजन का प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि भारतीय सेना की दो टीमें (रेड और ग्रीन) के साथ साथ भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना, सीआरपीएफ और असम राइफल्स की एक-एक टीम टूर्नामेंट की 16 टीमों को पूरा करेंगीं ।
130वें डूरंड कप की मेजबानी राज्य के तीन प्रमुख फुटबॉल ग्राउंड करेंगें जिनमें कोलकाता के विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन (वीवाईबीके) और मोहन बागान क्लब ग्राउंड के साथ-साथ कल्याणी म्यूनिसिपल स्टेडियम ग्राउंड हैं,जो लगातार पिछले कुछ वर्षों से राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल मैचों की मेजबानी करता आ रहा है ।
डूरंड कप के विजेता को दो रोलिंग ट्रॉफी (डूरंड कप और शिमला ट्रॉफी) के साथ एक स्थायी ट्रॉफी (प्रेसिडेंट्स कप) मिला कर कुल 3 ट्राफियाँ प्रदान की जाती हैं और यह बात डूरंड कप को दूसरे टूर्नामेंटों से अलग बनाती है।