आगरा, उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के यमुना पार क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल में डाक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है जहां मरीज के बायें पैर में फ्रैक्चर हुआ था, लेकिन चिकित्सकों ने उसके दायें पैर का ऑपरेशन कर दिया।
ऑपरेशन के बाद भी दर्द बन्द न होने और कमलानगर स्थित दूसरे चिकित्सा केंद्र पर सीटी स्कैन कराने पर असलियत का पता चला। इस पर मरीज के परिजनों ने यमुना पार के नर्सिंग होम पहुंचकर हंगामा कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस और जिला चिकित्सा अधिकारियों की टीम अस्पताल पर पहुंच गई और पूरे मामले की पड़ताल शुरू कर दी।
जिले के थाना खंदौली क्षेत्र में स्थित गांव शेरखां निवासी योगेंद्र सिंह (28) पिछली 23 जनवरी को आगरा-मथुरा राजमार्ग पर ट्रक की टक्कर से घायल हो गया था। उसके बायें पैर में फ्रैक्चर हुआ था। वह कई दिनों तक इलाज कराता रहा। आखिर में चिकित्सकों ने उसे ऑपरेशन के लिए बोला तो 23 फरवरी को वह सड़ाना हॉस्पिटल, रामबाग (थाना एत्मादुद्दौला) में भर्ती हो गया।
योगेंद्र का आरोप है कि अस्पताल में उसके बायें पैर की जगह दायें पैर का ऑपरेशन कर दिया गया। उस वक्त वह बेहोश था इसलिए पता नहीं चला। जब होश आया तो देखा कि चिकित्सकों ने सही पैर का ऑपरेशन कर उसके दूसरे पैर को भी खराब कर दिया है। इस घोर लापरवाही को लेकर हॉस्पिटल के अन्य मरीज भी हतप्रभ रह गए। मामले की सूचना किसी ने 112 नम्बर पर पुलिस को दे दी। पुलिस मौके पर पहुंचकर पूछताछ शुरू कर दी।
मरीज की पत्नी रेखा ने बताया कि ऑपरेशन के बाद भी उसके पति को दर्द हो रहा था। कई दिन तक दर्द बंद नहीं हुआ तो कमलानगर के ओजस हॉस्पिटल सीटी स्कैन कराया तब जानकारी हुई कि जिस पैर में ऑपरेशन हुआ है उसमें कोई फ्रैक्चर नहीं है। दूसरे पैर में फ्रैक्चर है, जिसका ऑपरेशन नहीं हुआ है। अब हॉस्पिटल स्टाफ कोई कार्रवाई न करने के लिए दबाव बना रहा है। मौके पर चिकित्सा अधिकारयों की टीम भी पहुंच गई है।