वाशिंगटन, अमेरिका द्वारा सात देशों के नागरिकों पर एंट्री को लेकर लगाई गई रोक अमेरिका के लिए नुकसानदेह साबित होगी। इससे अमेरिका में कट्टटरवादियों के हमलों में में इजाफा होगा।
जानकारों का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लिए गए इस फैसले से देश में हमलों का खतरा बढ़ जाएगा। जानकारों ने इस बाबत अपनी बात को स्पष्ट करते हुए हाल के कुछ माह में हुए हमलों का भी जिक्र किया है। इनका कहना है कि पिछले वर्ष में अमेरिका और यूरोप में जहां कहीं भी हमले हुए उनमें अधिकतर वहां के नागरिकों का हाथ था। जहां पर ऐसा नहीं था वहां पर हमला करने वाले लोग उस देश के नागरिक थे जिनकी एंट्री को अमेरिका ने प्रतिबंधित किया है। इसमें ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन शामिल है। जानकारों ने इस फैसले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेताया भी है।
इन जानकारों की राय में डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम ने हालात काफी खराब कर दिए हैं। साथ ही इस्लाम को मानने वालों के बीच एक लकीर खींच दी है। गौरतलब है कि अमेरिका में पिछले वर्ष नवंबर और जून में दो हमले हुए थे। इसमें से एक ओहियो विश्वविद्यालय और दूसरा ओरलांडो नाइटक्लब में हुआ था। इन दोनों हमलों में हमलावर मुस्लिम होने के साथ- साथ अमेरिका के ही थे। इन हमलावरों का आरोप था कि उनके धर्म के लोगों से भेदभाव किया जा रहा है। जानकारों की राय में डोनाल्ड ट्रंप के वीजा बैन करने से इस तरह की सोच को बढ़ावा मिलेगा और अमेरिका में हालात खराब होंगे। इसकी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने मंगलवार को भी दी थी। उनका कहना था कि डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई पर भी फर्क पड़ेगा। वहीं जिहादी ग्रुप इस आदेश को दूसरे रूप में प्रचारित करेंगे।