नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फलस्तीन सहित पश्चिम एशिया के तीन देशों की यात्रा पर आज रवाना हो गए । इस दौरान वह सुरक्षा और व्यापार जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए वार्ता करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘ समुद्री परिप्रेक्ष्य से हमारे पड़ोसियों को पुनर्परिभाषित किया जा रहा है ! खाड़ी और पश्चिम एशिया क्षेत्र के साथ हमारे बहुआयामी संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जार्डन, फलस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान की नौ से 12 फरवरी तक चार दिवसीय यात्रा शुरू कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा 10 फरवरी से फलस्तीन से शुरू होगी। वह जार्डन होते हुए जाएंगे, जहां वह शाह अब्दुल्ला द्वितीय से मिलेंगे।
भारत के विदेशी संबंधों में खाड़ी क्षेत्र और पश्चिम एशिया को एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बताते हुए मोदी ने अपनी यात्रा से पहले कहा कि उनकी यात्रा का लक्ष्य क्षेत्र के साथ संबंधों को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि 2015 से खाड़ी क्षेत्र और पश्चिम एशिया की उनकी यह पांचवीं यात्रा होगी।
मोदी ने अपने रवानगी बयान में कहा, ‘‘दूसरे देशों के साथ हमारे संबंधों में यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। हमारे यहां के देशों के साथ शानदार बहुआयामी संबंध हैं। मैं इस यात्रा के जरिए पश्चिम एशिया और खाड़ी क्षेत्र के साथ भारत के बढ़ते और महत्वपूर्ण संबधों को मजबूत करने की आशा करता हूं।’’ प्रधानमंत्री की फलस्तीन की यह प्रथम यात्रा होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ अपनी चर्चा और फलस्तीनी अवाम के प्रति भारत के समर्थन को दोहराने तथा फलस्तीन के विकास को लेकर आशावादी हैं।
मोदी ने खाड़ी देश को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा कि भारत अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी और सुरक्षा सहित सभी बड़े क्षेत्रों में सहयोग में तेजी लाया है। मोदी ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ इन क्षेत्रों में मैं यूएई के उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री एवं दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम तथा अबू धाबी के शहजादा शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयन के साथ बैठकों में हमारी प्रगति के बारे में चर्चा करूंगा। ’’ उन्होंने कहा कि वह दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट के छठे सत्र को संबोधित करेंगे जहां भारत एक मेहमान देश है।
मोदी ने कहा कि यात्रा के दौरान वह भारत में असीम आर्थिक अवसरों को लेकर दुबई में यूएई और अरब जगत के प्रमुख सीईओ से बातचीत करेंगे। साथ ही इस बारे में संभावना भी तलाशने की कोशिश करेंगे कि व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने के लिए और क्या किया जा सकता है।
उन्होंने ओमान को एक करीबी समुद्री पड़ोसी बताया जिसके साथ भारत शानदार संबंध रखता है। मोदी ने कहा कि अपनी यात्रा के आखिरी चरण में 11 – 12 फरवरी को वह बतौर प्रधानमंत्री पहली बार इस देश का दौरा करेंगे और ओमान के सुल्तान तथा अन्य नेताओं के साथ वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक और कारोबारी संबंध मजबूत करने के लिए वह ओमान के प्रमुख कारोबारियों से भी बातचीत करेंगे।
उन्होंने कहा कि 11 फरवरी की शाम वह ओमान के सुल्तान से मिलेंगे। मोदी ने कहा कि वह मंत्रिपरिषद के उप प्रधानमंत्री सैयद फहद बिन मजमूद अल सैद और अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं सहयोग मामलों के उप प्रधानमंत्री सैयद असद बिन तारिक अल सैद से भी अपनी यात्रा के दौरान मुलाकात करेंगे। मोदी ने कहा कि ओमान और यूएई की यात्रा के दौरान उनके पास काफी संख्या में प्रवासी भारतीयों से मिलने का अवसर होगा, जिन्होंने उन देशों को अपना घर बना लिया है। उन्होंने कहा कि खाड़ी क्षेत्र में 90 लाख से ज्यादा भारतीय काम रहते हैं और रहते हैं। उन्होंने कहा कि ओमान में सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय ही हैं।