तेज बहादुर यादव के ,खराब खाने के, वीडियो संबंधी याचिका रद्द, देखिये हाई कोर्ट की टिप्पणी
May 6, 2017
नई दिल्ली, भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चित हुई बीएसएफ जवान की वीडियो संबंधी याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। याचिका रद्द करते हुये हाई कोर्ट ने जवान को ही कसूरवार ठहराया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर सैनिकों को दिए जाने वाले खाने की खराब गुणवत्ता का वीडियो देख जवान हतोत्साहित हुए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की खंडपीठ ने कहा कि इससे समाज में गलत संदेश गया और इसने सैनिकों के परिजनों को भी चिंता में डाला दिया। इतना ही नहीं इससे सैनिकों की भर्ती पर भी असर पडा। ये लोग हमारे देश की रक्षा करते हैं।
अदालत ने कहा कि बॉर्डर इलाकों में तैनात सैनिक सख्त मौसम में ड्यूटी करते हैं। अगर केंद्र सरकार उन्हें अच्छा भोजन दें, जो वह दे रही है तो वह सुरक्षित महसूस करते हैं। अदालत ने कहा कि याची ने बिना कोई साक्ष्य पेश किए आरोप लगाए हैं, जो लापरवाहपूर्ण रवैया है। अदालत ने बीएसएफ के उस तर्क को स्वीकार किया कि जवानों का स्वास्थ्य व सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। जवानों को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। वहीं, जिस जवान के वीडियो को आधार बनाकर याचिका दायर की गई है उसने कभी अधिकारियों को इस बारे में शिकायत नहीं की।
ये जनहित याचिका पूर्व सैनिक पूरनचंद आर्य ने दायर की है। याची ने 9 जनवरी को सोशल मीडिया पर वायरल हुई बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव का वीडियो का हवाला देते हुए दावा किया है कि बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को खराब गुणवत्ता का खाना दिया जा रहा है।