त्योहारों के दिन अपने साथ खुशियों की सौगात तो लाते ही हैं, साथ ही कुछ चेता भी जाते हैं। मौसम करवट बदल रहा है। ठंड दस्तक दे रही है। मौसम कह रहा है कि अब रातों को कुछ ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। ठंड से परहेज करना होगा और त्योहार की भागदौड़ में अपनी सेहत का भी पूरा ख्याल रखना होगा। ऐसे मौसम में डॉक्टरों की राय होती है कि शाम होते ही घर के सदस्यों के पहनने-ओढ़ने का खास ख्याल रखें। अगर बच्चों या बुजुर्गों को पटाखे से एलर्जी है, तो उन्हें खुले में घूमने ना दें। पटाखे के धुएं के कारण अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति की तबीयत बिगड़ सकती है। अधिकतर डॉक्टर मानते हैं कि दीवाली के समय में हृदय, डायबिटीज और रक्तचाप के मरीजों का खास तौर पर ख्याल रखना चाहिए।
1.डायबिटीज के मरीज डायबेटोलॉजिस्ट डॉक्टर राजीव चावला के अनुसार, अगर आपके घर में कोई डायबिटीज का मरीज है तो उसे मिठाई देने से बचें। अगर घर में आप पकवान बना रही हैं, तो चीनी मिलाने से पहले अलग से निकाल कर उसमें शहद, गुड़ या शुगर फ्री मिला कर उन्हें खाने को दें। इस दौरान उनका ब्लड शुगर लेवल कतई बढ़ने ना दें। बाजार की मिठाई खाने से बचें। इन दिनों मिलावट खोर पूरे जोर-शोर से अपनी कमाई में लग जाते हैं। मिठाई अच्छी दुकान से ही खरीदें। बाहर की मिठाइयों में मावे, चीनी, घी की मिलावट शरीर को बहुत नुकसान पहुुंचाती है।
2. दिल भी है खास सीनियर कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अश्विनी मेहता के अनुसार, त्योहारों के दौरान ज्यादा सैचुरेटेड फैट खाने से शरीर में कॉलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए दिल के मरीजों को खासकर त्योहारों के दौरान अपने खानपान पर नियंत्रण रखना चाहिए।
3. एक साथ न खाएं मिठाई डॉक्टरों का कहना है कि अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है तो एक साथ कई तरह की मिठाइयां आपके लिए सही नहीं होंगी। इससे पेट में खिंचाव या दर्द की शिकायत हो सकती है, जो इन दिनों में आम बात होती है। इसलिए घर की बनी मिठाई खाएं और अगर बाजार की खा रही हैं तो धीरे-धीरे और कम मात्रा में लें। ऐसी मिठाई न लें जो ज्यादा घी में सनी हो। हां, आप ड्राई फ्रूट्स जरूर ले सकती हैं।
4. अस्थमा अटैक से बचें डॉक्टर नीरज जैन कहते हैं, दिवाली पर पटाखों के धुएं के कारण प्रदूषण बढ़ता है और इससे अस्थमा के मरीजों को दिक्कतें हो सकती हैं। उन्हें अटैक भी आ सकता है। हमेशा इनहेलर पास रखें और पटाखों से दूर रहें।
5. रक्तचाप का रखें ध्यान सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रवीण के अनुसार, त्योहारों के इस मौसम में लोग ज्यादा तेल और वसा वाला खाना खाते हैं। जिससे रक्तचाप और शुगर लेवल बढ़ता है। यह ब्रेन स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है। वहीं पटाखों का शोर माइग्रेन से पीड़ित लोगों को तकलीफ पहुंचाता है।
6.पेट्स घर में ही बेहतर दिवाली के दौरान पालतू कुत्तों, बिल्लियों और पक्षियों की देखभाल के लिए उन्हें घर के अंदर रखना ही बेहतर है। जानवरों के डॉक्टर वीके जोशी के अनुसार,लोग दिवाली के कई दिन पहले से ही पटाखे जलाना शुरू कर देते हैं, ऐसे में पालतू जानवरों को इनसे नुकसान पहुंच सकता है और वे शोर से डर भी जाते हैं। अगर आपके पास पपी है, तो उसे एक कमरे में रख दें, और उसकी खिड़कियां और दरवाजे भी बंद कर दें। उसके कानों में कॉटन वूल डाल दें क्योंकि पटाखों की आवाज से कई बार ये बहरे भी हो सकते हैं। ऐसा भी देखा गया है कि इस शोर की वजह से पेट्स खाना बंद कर देते हैं या फिर खुद को छिपाने लगते हैं। उन्हें शाम की बजाय दोपहर में वॉक पर ले जाएं। उनके गले में उनकी पहचान जरूर लटका दें, जिससे अगर वे डर के भाग भी जाएं तो उन्हें ढूंढ़ा जा सके।