भोपाल,जब भी लगता है कि देश और समाज जात-पात से ऊपर उठकर तरक्की के रास्ते पर चल पड़ा है तभी कुछ ऐसी खबरें आती हैं जो बताती हैं कि कुछ लोग देश को पीछे खींचकर धरातल पर गिराने के लिए आमादा हैं.
मध्य प्रदेश के माना गांव में एक दलित की बेटी की धूमधाम से हुई शादी को बमुश्किल हफ्ता भर ही हुआ है, लेकिन यहां के दलित परिवारों को भारी परेशानी से सामना करना पड़ रहा है. माना गांव के करीब 500 दलित जिस कुएं से पानी भरते थे, उसमें अचानक किरासन तेल पाया गया. जिससे पानी पीने लायक नही रह गया है. दलितों ने प्रशासन को तत्काल इसकी सूचना दी, जिसके बाद कुएं से पंप के जरिये किरासन तेल मिला पानी निकाला गया. कुएं में जानबूझकर किरासन तेल डाला गया.
दलितों का कहना है कि चूंकि चंदर मेघवाल नामक शख्स ने दलितों की धमकी को नजरअंदाज कर अपनी बेटी की शादी खूब धूमधाम से की थी, इसी के बदले के तौर पर दबंगों ने कुएं के पानी को खराब करने की साजिश की. उल्लेखनीय है कि 23 अप्रैल को आगर मालवा क्षेत्र के माना गांव में आजादी के बाद पहली बार दलित समाज के एक युगल की शादी में बैंड बाजे के साथ धूमधाम से बारात निकाली गई, लेकिन इसके लिए सरकार को सशस्त्र पुलिस बल तैनात करनी पड़ी.
इस गांव में आजादी के बाद से लेकर आज तक कभी भी दलित समाज के विवाह कार्यक्रम में बैंड बाजे एवं ढोल-ढमाके नहीं बज पाए थे, जबकि 2,000 आबादी वाले इस गांव में लगभग 55 दलित परिवार निवास करते हैं.चंदर मेघवाल की बेटी ममता का विवाह राजगढ़ के दिनेश के साथ तय हुआ था और 23 अप्रैल 2017 को वर पक्ष बारात लेकर माना आने वाला था. लेकिन गांव के दबंगों ने चंदर को चेतावनी दी कि गांव में बारात बिना बैंड बाजे के निकलनी चाहिए और ना ही किसी प्रकार की सजावट-रोशनी होनी चाहिए. चंदर ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई जिसके बाद निर्धारित समय पर ममता की बारात गांव में आई और बैंड बाजे के साथ बारात चंदर मेघवाल के घर पहुंची और धूमधाम से ममता का विवाह दिनेश के साथ संपन्न हुआ. इस दौरान तीन थानों के पुलिस बल पूरी मुस्तैदी के साथ वहां पर मौजूद रहे..
शादी से पहले चंदर मेघवाल को दबंगों द्वारा चेतावनी दी गई थी कि अगर उसने ‘नियमों’ को तोड़ा तो उसके परिवार को कुएं से पानी नहीं भरने दिया जाएगा और न ही स्थानीय मंदिर में प्रवेश करने दिया जाएगा. मेघवाल ने कहा कि चूंकि उसकी बेटी की शादी धूमधाम से करने में बाकी दलित परिवारों ने भी खुलकर समर्थन दिया था, इसलिए पूरे दलित समुदाय को निशाना बनाया गया है. उसने कहा, हम सब पानी के लिए इसी कुएं पर आश्रित हैं…उन्होंने इसमें किरासन तेल डाल दिया।
कुएं का पानी खराब हो जाने के चलते दलित परिवारों की महिलाओं को पिछले छह दिनों से दो किलोमीटर दूर जाकर नदी से पानी लाना पड़ता है.