नयी दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात संसदीय सीटों के लिए मंगलवार को मतगणना शुरू हो गई, शाम तक चुनावी मैदान में उतर 162 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला तय हो जाएगा। मतगणना के पहले रुझान सुबह नौ बजे तक मिलेंगे।
इस बार, दिल्ली में एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती देने के लिए इंडिया समूह के बैनर तले हाथ मिलाया है। आप ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा और बाकी तीन सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दीं।
भाजपा ने राजधानी में पिछले दो संसदीय चुनावों में अपना दबदबा कायम रखा है, 2014 और 2019 दोनों में सभी सात सीटों पर जीत हासिल की है। वर्ष 2019 में भाजपा ने 56.86 प्रतिशत वोट शेयर के साथ दिल्ली की सभी सात सीटें अपने नाम की थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 22.51 प्रतिशत, जबकि आप को 18.11 प्रतिशत वोट मिले थे।
इस चुनाव में, भाजपा ने नई दिल्ली के लिए बांसुरी स्वराज, पूर्वी दिल्ली के लिए हर्ष मल्होत्रा, उत्तर पश्चिमी दिल्ली के लिए योगेन्द्र चंदोलिया, चांदनी चौक के लिए प्रवीण खंडेलवाल, पश्चिमी दिल्ली के लिए कमलजीत सहरावत, उत्तर पूर्वी दिल्ली के लिए मनोज तिवारी और दक्षिणी दिल्ली से रामवीर सिंह बिधूड़ी को उम्मीदवार बनाया।
दूसरी तरफ आप ने पूर्वी दिल्ली में कुलदीप कुमार, पश्चिमी दिल्ली में महाबल मिश्रा, नई दिल्ली में सोमनाथ भारती और दक्षिणी दिल्ली में सही राम पहलवान को मैदान में उतारा। कांग्रेस ने चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल, उत्तर पूर्वी दिल्ली से कन्हैया कुमार और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से उदित राज को उम्मीदवार बनाया है।
दिल्ली में 1.52 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जिनमें 82.12 लाख पुरुष, 69.87 लाख महिला मतदाता और लगभग 1,228 उभयलिंगी मतदाता शामिल हैं।
इस बार राष्ट्रीय राजधानी में पिछली बार के 60.6 प्रतिशत मतदान की तुलना में 58.69 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के चुनावों की तुलना में कम है। इस बार सात निर्वाचन क्षेत्रों में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सबसे अधिक 62.89 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि नई दिल्ली में सबसे कम 55.43 प्रतिशत मतदान हुआ।