नयी दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में नए रक्षा प्रोजेक्ट के निर्माण में बाधक बन रहे पेड़ों को वहां से हटाने और प्रत्यारोपण करने की अनुमति दे दी है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि दिल्ली सरकार हमेशा से राष्ट्रीय हित की पक्षधर रही है। इस प्रोजेक्ट के पूरे होने से फोर्स को काफी सहूलियत मिलेगी। दिल्ली सरकार हमेशा फोर्स की हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि हम सक्रिय रूप से यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आधुनिक विकास का दिल्ली पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े और प्रभावित होने वाले किसी भी पेड़ की भरपाई के लिए 10 गुना वृक्षारोपण अनिवार्य किया गया हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के समक्ष रखा जाएगा। दिल्ली सरकार ने कहा है कि चिह्नित परियोजना स्थल के पास ही प्रत्यारोपण किया जाएगा। दिल्ली सरकार की ओर से साइट पर अप्रूव किए गए और चिह्नित पेड़ों के अलावा एजेंसी एक भी अन्य पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। यदि एजेंसी द्वारा मंजूर किए गए पेड़ों के अलावा किसी भी पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा।
दिल्ली सरकार ने एजेंसी के लिए पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपित करने के बदले में दस गुना पेड़ लगाना अनिवार्य किया है। ऐसे में वह 214 पेड़ों को हटाने के बदले 2,140 नए पौधे लगाएगी। इन पौधों को चिह्नित स्थान पर लगाया जाएगा, जिन्हें पेड़ों को स्थानांतरित करने की अनुमति जारी होने की तारीख से तीन महीने के अंदर लगाया जाएगा। दिल्ली सरकार की ओर से मंजूर किए गए प्रस्ताव के अनुसार पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण के बदले में दिल्ली की मिट्टी एवं जलवायु के अनुकूल विभिन्न प्रजातियों के पौधें लगाए जाएंगे। इनमें नीम, अमलतास, पीपल, पिलखन, गूलर, बरगद, देसी कीकर और अर्जुन समेत अन्य प्रजातियों के पौधें शामिल हैं।