नई दिल्ली, केंद्र की मोदी सरकार ने देश को सैनिकों को अंतरिम भुगतान के रूप में शानदार दिवाली गिफ्ट दिया है। उधर, सुरक्षा बलों के लिए नए वेतनमान पर चल रहे विवाद निपटाने में रक्षा प्रमुख व सरकार लगातार प्रयास कर रही है। एक अंग्रेजी अखबार ने यह दावा किया है कि उसके पास 10 अक्टूबर को रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किया आदेश है, जिसमें यह कहा गया है। इस आदेश में कहा गया है कि वेतन आयोग का नोटिफिकेशन लंबित होने की वजह से राष्ट्रपति ने उनके लिए अस्थायी तौर पर बकाया भुगतान को मंजूरी दी है। सभी जवानों को मिलने वाला बकाया उनके मौजूदा वेतन (डीए सहित) का 10 फीसद होगा जिसकी गणना जनवरी 2016 के बाद से होगी।
इसका मतलब यह है कि सभी रैंक के फौजियों को बोनस के तौर पर एक माह का पूरा वेतन मिलेगा। सभी की कोशिश है कि फौजियों को यह रकम दिवाली से पहले मिल जाए। इस साल दिवाली 30 अक्टूबर को है। सिविल सर्विसेज के उलट सशस्त्र बलों को वेतन आयोग की वजह से बकाया अभी तक नहीं मिल पाया है। उनके लिए नया वेतनमान भी अभी तक लागू नहीं हुआ है। बकाया भुगतान में देरी सुरक्षाबलों के लिए आयोग के कंपनसेशन स्ट्रक्चर की विसंगतियां दूर करने के मामले में तीनों सेनाओं के प्रमुखों के दखल की वजह से हुई है। तीनों सेना प्रमुखों ने कहा है कि जब तक विकलांगता क्षतिपूर्ति और पेंशन के मामले में विसंगतियों को ठीक नहीं किया जाता, तब तक वेतन आयोग की सिफारिशें उन्हें मंजूर नहीं हैं। इससे पहले खबर आई थी कि त्योहारों के मौसम में अतिरिक्त भुगतान नहीं होने के आसार को देखते हुए सशस्त्र बलों के सेवारत और सेवानिवृत जवान और अधिकारी निराश हैं। इसके लिए सरकार एकमुश्त बकाया भुगतान करने के विकल्प को भी तलाश रही है। तीनों सेनाओं के प्रमुखों को भेजे गए आदेश के अनुसार, बकाये की गणना के लिए जनवरी 2016 की सैलरी को आधार बनाया जाएगा। अभी दी जा रही रकम संशोधित वेतनमान पर एरियर के अंतिम गणना से समायोजित की जाएगी।