इलाहाबाद कोर्ट का प्रथम दृष्टया मानना है कि दुकान एजेंसी या शोरूम पर लगे साइन बोर्ड प्रचार या विज्ञापन की श्रेणी में नहीं आते। ये दुकान में बिक्री होने वाले सामानों की सूचना देते हैं। यदि साइन बोर्ड किसी चैराहे पर लगा हो या दुकान से दूर लगा हो जहां किसी प्रकार की बिक्री या खरीद नहीं हो रही है तो उसे ही विज्ञापन माना जा सकता है।
यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीके मिश्र की खंड पीठ ने वोडाफोन कंपनी की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद नगर निगम द्वारा वोडाफोन के शोरूम पर लगे ग्लोसाइन बोर्ड पर विज्ञापन कर लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है और दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
याचिका पर वरिष्ठ वकील एसडी सिंह और आशीष मिश्रा, राज्य सरकार के वकील और नगर निगम के वकील ने पक्ष रखा। इनका कहना था कि शोरूम पर लगा ग्लो साइन बोर्ड विज्ञापन नहीं है। ऐसे में गाजियाबाद नगर निगम द्वारा विज्ञापन कर लगाना कानून के खिलाफ है। क्योंकि दुकान या शोरूम पर साइनबोर्ड लगाना सामानों की बिक्री की जानकारी देना है न कि यह ग्राहकों को अपने उत्पाद का प्रचार कर प्रलोभन देना है। इसपर कोर्ट ने कर वसूली आदेश पर रोक लगा दी है।