नयी दिल्ली, देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के एक दिन में ही करीब पांच हजार मामले सामने आने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या निरन्तर बढ़ते हुए 96 हजार पार कर गयी है लेकिन राहत की बात यह है कि पीड़ितों के स्वस्थ होने की दर में भी लगातार इजाफा हो रहा है जो सोमवार को बढ़कर 38.29 फीसदी हो गयी।
कोरोना वायरस से संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर रविवार को 37.51 प्रतिशत थी जबकि शनिवार को यह 35 फीसदी थी। गुरुवार को यह 33.63 फीसदी थी जबकि इससे पहले बुधवार को यह 32.82 फीसदी थी। पिछले मंगलवार को यह 31.73 फीसदी थी। पिछले एक सप्ताह में रिकवरी दर में करीब छह फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है। यह दर वैश्विक महामारी से जूझ रहे विश्व के कई देशों की तुलना में काफी बेहतर है।
राहत की एक और बात यह है कि संक्रमितों की मृत्यु दर सोमवार को भी रविवार की तरह ही 3.1 फीसदी रही। रविवार को यह फिर से मामूली गिरावट के साथ 3.1 प्रतिशत पर आ गयी जो पिछले साेमवार से 3.2 प्रतिशत पर स्थिर रही थी। इससे पहले गुरुवार और बुधवार को भी इसकी दर यही थी। यह दर पहले की तुलना में स्थिर मानी जा सकती है। उससे पहले यह दर कई दिनों तक 3.1 प्रतिशत पर स्थिर रही थी।
देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के एक दिन में ही रिकार्ड पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या उत्तरोत्तर बढ़ते हुए 96 हजार के आंकड़े को पार कर गयी है और इस महामारी के शिकार लोगों की संख्या भी अब तीन हजार से अधिक हो चुकी है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 33 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना संक्रमण के 5242 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 96169 हो गयी है जबकि 157 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 3029 हो गयी है।
देश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बावजूद एक सकारात्मक पक्ष यह भी है कि इस बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है और ऐसे लोगों की संख्या 36 हजार से अधिक हो गयी है। अब तक 36824 लोग इसके संक्रमण से पूरी तरह ठीक हुए हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है।
देश में कोरोना वायरस से सबसे अधिक महाराष्ट्र प्रभावित हुआ है और इसके कारण राज्य की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 2347 नये मामले सामने आये हैं, जिसके बाद यहां कुल संक्रमितों की संख्या 33,053 हो गयी है तथा कुल 1198 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 7688 लोग इसके संक्रमण से ठीक भी हुए हैं।
कोरोना वायरस से प्रभावित होने के मामले में गुजरात दूसरे नंबर पर है। गुजरात में अब तक 11746 लोग इससे संक्रमित हुए हैं तथा 694 लोगों की मृत्यु हुई है जबकि 4499 लोगों को उपचार के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है।
इस बीच केन्द्र सरकार देश मेेंं कोरोना, कोविड-19 संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर है और कोरोना के नियंत्रण तथा रोकथाम को लेकर उचित प्रबंधन नीति बनाई जा रही है जिसकी निगरानी उच्च स्तर पर की जा रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थिति रिपोर्ट 118 के अनुसार विश्व के विभिन्न देशों में कोरोना के पुष्ट मामलों यानी प्रति एक लाख आबादी की बात की जाए तो यह भारत में यह बहुत ही बेहतर है और देश में यह संख्या 7़ 1 प्रति लाख हैं जबकि विश्व की आबादी के अनुसार यह 60 मामले प्रति एक लाख है।
विश्व में कोरोना वायरस के कुल पुष्ट मामलों की संख्या इस समय 4525497 है और इस आधार पर प्रति एक लाख की आबादी में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या औसतन 60 हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में पांच अंकों के आंकड़ों की सूची में तमिलनाडु तीसरे नंबर पर है। यहां कुल संक्रमितों की संख्या 11224 हो गई है तथा इसके संक्रमण से 78 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 4172 लोग इस बीमारी से उबरे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की भी स्थिति इस जानलेवा विषाणु के कारण चिंताजनक बनी हुई है और यहां भी संक्रमितों की संख्या पांच अंकों पर पहुंच गयी है। दिल्ली में अब तक 10054 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 31 और मरीजों की मौत के साथ मृतकों का आंकड़ा 160 पर पहुंच गया है जबकि 4485 लोगों को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है।
राजस्थान में भी कोरोना वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 5202 हो गयी है तथा 131 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 2992 लोग पूरी तरह ठीक हुए हैं।
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अब तक 4259 लोग इसकी चपेट में आए हैं तथा इसके संक्रमण से मरने वालों की संख्या 104 हो गयी है जबकि 2441 लोग अब तक इससे ठीक हुए हैं।
पश्चिम बंगाल में 2677 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 238 लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक 959 लोग ठीक हुए है। तेलंगाना में अब तक कोरोना से 1551 लोग संक्रमित हुए हैं। राज्य में जहां कोरोना वायरस से 34 लोगों की जान गई है जबकि 992 लोग अब तक ठीक हुए हैं।
दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में 2407 और कर्नाटक में 1147 लोग संक्रमित हैं तथा इन राज्यों में इससे मरने वालों की संख्या क्रमश: 50 और 37 हो गयी है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1163 हो गई है और 13 लोगों की मृत्यु हुई है।
इसके अलावा पंजाब में 35, हरियाणा में 14, बिहार में आठ, केरल और ओडिशा में चार-चार, झारखंड, चंडीगढ़, और हिमाचल प्रदेश में तीन-तीन, असम में दो तथा मेघालय, पुड्डुचेरी और उत्तराखंड में एक-एक व्यक्ति की इस महामारी से मौत हुई है।
इस बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए रविवार को नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं जिनमें रेड, ओरेंज और ग्रीन जोन के वर्गीकरण का प्रावधान है। इन निर्देशों के अनुसार राज्यों को कहा गया है कि वे वास्तविक आकलन के आधार पर जिला, नगर निगम, किसी वार्ड और प्रशासनिक इकाई को रेड, ग्रीन और ओरेंज जोन में बांट सकते हैं।
इसके लिए मंत्रालय की तरफ से जारी मानकों का पालन करते हुए कई कारकों को ध्यान में रखकर उनका विश्लेेषण कर इन क्षेत्राें में वर्गीकृत किया जा सकता है। इनमें कुल सक्रिय मामले,प्रति लाख आबादी में पाए जाने वाले मामले, कोरेाना मामलों की दुगना होने की दर (पिछले सात दिनाें के आधार पर) मृत्यु दर, जांच दर और कुल किए गए टेस्ट में पुष्ट मामलों का प्रतिशत आदि शामिल हैं।
जिन क्षेत्रों में कोरोना के मामले पाए जा रहे हैं वहां ऐसे क्षेत्रों को कंटेनमेंट क्षेत्र में रखा जाएगा और उसके बाहर के क्षेत्र जहां कोई मामला नहीं पाया जाता है वह बफर जोेन होगा। राज्यों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में उपयुक्त कड़े प्रावधान किए जाएं। ऐसे क्षेत्रों में विशेष टीमों द्वारा घर-घर जाकर सक्रिय मामलों का पता लगाना, सैम्पलिंग दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी मामलों की जांच, कांटेक्ट ट्रेसिंग और पुष्ट मामलों के चिकित्सकीय प्रबंधन को प्राथमिकता के आधार पर किया जाना है।
इस तरह के कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहर के बफर जाेन में यह भी सुनिश्चित किया जाना है कि यहां संक्रमण नहीं फैले और यहां इंफ्लूएंजा जैसी बीमारियों और सीवियर एक्यूट रेस्पीरेट्री इंफेक्शन जैसे मामलों की व्यापक सर्विलांस आवश्यक है।
इसके अलावा एहतियाती उपायों के लिए सामुदायिक जागरुकता, व्यक्तिगत साफ सफाई, हाथों को साफ रखने की आदतें, खांसने और छींकने की आदतों में बदलाव, मॉस्क का उपयोग और सामाजिक दूरी का पालन करना भी जरूरी है।