नई दिल्ली, देश में छह नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खोलने संबंधी संशोधन विधेयक लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। प्रौद्योगिकी संस्थान संशोधन विधेयक 2016 पर चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इन संस्थानों में फीस, अनुसंधान से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं और शिक्षा की गुणवत्ता पर विभिन्न सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस विधेयक के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केसबके लिए शिक्षा और अच्छी शिक्षा के लक्ष्य को साधने की हर संभव कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि कहा कि देश में तकनीकी शिक्षा के प्रसार के लिए सरकार जम्मू, भिलाई, धारवाड़, तिरुपति, गोवा और गुवाहाटी में नए आईआईटी खोले जा रहे हैं और इसके साथ ही धनबाद के इंडियन इंस्टीट््यूट ऑफ माइन्स को आईआईटी का दर्जा दिया जाएगा। इन संस्थाओं में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी सुविधाओं पर अगले तीन साल में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से अबतक शिक्षा के प्रसार पर जोर दिया जा रहा था लेकिन अब इसकी गुणवत्ता सुधारने और इसे सबके लिए उपलब्ध बनाने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए विभिन्न योजनाएं शुरु की गई हैं जिसमें नौंवी से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक दूरस्थ शिक्षा की व्यवस्था, नैशनल नॉलेज नेटवर्क,कोचिंग के खर्चों को बचाने के लिए ऑनलाइन आईआईटी पाल योजना, उच्चतर अविष्कार सुविधा और उन्नत भारत अभियान जैसी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक आईआईटी में भारी भरकम फीस का सवाल है तो वह केवल उच्च आय वर्ग के छात्रों के लिए ही हैं अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए फीस पूरी तरह माफ है। इसके अलावा कम आय वर्ग के छात्रों को फीस में काफी रियायत दी गई।