इमरान खान लगन और कार्य की वजह से दुनिया में तब छा गये जब शुक्रवार रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन के वेम्बले स्टेडियम में दिये सम्बोधन में इमरान खान की जमकर तारीफ की। इमरान खान ने शुक्रवार रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्बोधन को नहीं सुना था लेकिन उसके बाद एक परिचित का फोन आया जिसमें प्रधानमंत्री द्वारा इमरान के नाम लेने की जानकारी होने के बाद यू ट्यूब से सम्बोधन को सुना। इसके बाद तो बधाईयां देने का सिलसिला शुरू हो गया।
जून 1978 में जन्मे 37 वर्षीय शिक्षक इमरान खान राजस्थान के मेवात क्षेत्र के अलवर के रहने वाले हैं. किसान सूलेमान खान के चार पुत्रों में तीसरे नम्बर के पुत्र इमरान खान ने प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, प्रतियोगी परीक्षाओं और एनसीईआरटी का एप बनाया है। मौजूदा दौर में अंग्रेजी भाषा में तो भरपूर एप है लेकिन हिन्दी, स्थानीय भाषा और ग्रामीण क्षेत्र पर आधारित एप बहुत कम है। इमरान ने यही सोच कर हिन्दी और स्थानीय भाषा में एप बनाने का काम आरंभ किया अब तक बावन एप बना चुके हैं। इमरान खान का सबसे बडा भाई व्याख्याता, दूसरा भाई मैकेनिकल इंजीनियर और छोटा भाई कम्प्यूटर इंजीनियर है। इमरान खान को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कुछ समय पहले दिल्ली बुलाकर उनके द्वारा बनाये गये एप अधिकारियों को दिखाये थे।अलवर के लक्ष्मीनगर इलाके में एक छोटे से मकान में जीवन बसर कर रहे शिक्षक इमरान खान की जिदंगी उसके छोटे भाई के कम्प्यूटर ने बदल दी. इमरान को आगे पहुंचाया, अलवर के तत्कालीन जिला कलेक्टर आशुतोष ए पंडेण्कर ने जब उन्हें अलवर जिले को लेकर बनने वाले एप को लेकर बातचीत की और जिम्मेदारी सौंपी।
इमरान खान ने कभी भी कम्प्यूटर का प्राथमिक प्रशिक्षण नहीं लिया है, न ही किसी संस्थान में प्रशिक्षण लेने गये। इमरान शुरू में कम्प्यूटर पर गेम खेलता था और फिर गूगल की मदद से वेबसाइट बनाना सीख लिया। गूगल का इमरान ने भरपूर उपयोग किया। इमरान खान शिक्षा पर आधारित अब तक बावन एप बना चुके है और दावा किया कि इन एप को करीब तीस लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है।