लॉस एंजिलिस, निर्वासन आदेश के विरोध में हालिया याचिका ठुकराए जाने के बाद, अमेरिका में करीब दो दशक से रह रहे एक भारतीय को सोमवार को कैलिफोर्निया में हिरासत में ले लिया गया। गुरुमुख सिंह के परिवार और वकील ने बताया कि इस मामले में स्थगन आदेश हासिल करने में विफल रहने के बाद उसे सोमवार को संघीय एजेंटों ने हिरासत में लिया। सिंह ने अमेरिकी नागरिक से शादी की है और उनकी दो बेटियां भी हैं।
भारत के पंजाब में टैक्सी चलाने वाला सिंह वर्ष 1998 में बिना वीजा के मैक्सिको सीमा से होते हुए चोरी छिपे अमेरिका में दाखिल हुआ था। बाद में उसने धार्मिक दमन का हवाला देते हुए शरण के लिए आवेदन दिया था। लेकिन उसके परिवार और वकील ने बताया कि वह इस मामले में सही तरीके से अपना पक्ष नहीं रख पाया और उसे अमेरिका से उसके देश वापस भेजे जाने का आदेश दिया गया।
सिंह ने साल 2010 में अमेरिकी नागरिक से शादी की लेकिन जब उसने साल 2012 में निवास वीजा के लिए आवदेन किया तो उसका निर्वासन का मामला फिर से शुरू हो गया। वह पांच महीने तक जेल में रहा लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की मदद से उसे जमानत मिली और वह रिहा हो गया। तब से उसका यह मामला अपील प्रक्रियाओं के जरिये चल रहा है।
सिंह की बेटी मनप्रीत ने बताया, इस स्थिति ने हमें मानसिक और शारीरिकि रूप से पूरी तरह से तोड़कर रख दिया है। उसने कहा कि उसके पिता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, उन्होंने अपने करों का हमेशा भुगतान किया किया है और वह अपने परिवार तथा अपने गुजारे के लिए सामान्य जीवन जीना चाहते हैं।
आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन की महिला प्रवक्ता लोरी हेली ने बताया कि देश की कानूनी व्यवस्था की सभी स्तरों की समीक्षा के बाद सिंह को हिरासत में लिए जाने का आदेश दिया गया है।
लोरी ने कहा कि संघीय प्राधिकारियों के लिए प्राथमिकता उन विदेशी अपराधियों पर ध्यान केंद्रित करना है जिनकी वजह से जन सुरक्षा को खतरा होता है और सिंह जैसे आव्रजन कानूनों का उल्लंघन करने वाले लोगों को इस कार्रवाई से छूट नहीं है। बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों पर शिकंजा कसने की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नीतियों के बीच सिंह को हिरासत में लिया गया है।