नयी दिल्ली, आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव प्रमोद कुमार पाठक ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर ‘समग्र स्वास्थ्य देखभाल’ सुविधा की दिशा में काम किया जा रहा है और जल्दी ही नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों में एकीकृत बहिरंग रोग विभाग- ओपीडी आरंभ की जाएगीं।
प्रमोद कुमार पाठक ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में भारतीय वन सेवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा,“आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय साथ मिलकर लोगों के समग्र स्वास्थ्य के लिए काम कर रहे हैं। संभव है कि जल्द ही सभी नए एम्स में इंटीग्रेटेड हेल्थ सिस्टम यानी एकीकृत समग्र स्वास्थ्य की ओपीडी देखने को मिलेगी।” उन्होंने कहा कि आयुर्वेद उपचार की पद्धति तो है ही साथ ही यह जीवनशैली भी है। एकीकृत समग्र स्वास्थ्य में राेगी को एक स्थान पर विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों को लाभ दिया जा सकेगा।
विशेष सचिव ने कहा कि वर्ष 2014-15 में जहाँ आयुर्वेदिक औषधियों का वैश्विक बाजार मात्र तीन अरब डालर का था वर्ष 2021 में 18 अरब डालर का हो गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आयुर्वेद का बाज़ार जल्द ही 25 अरब डालर के लक्ष्य को पूरा कर लेगा।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के लगभग 50 भारतीय वन सेवा अधिकारियो ने दौरा किया।
संस्थान की निदेशक प्रो (डा) तनूजा नेसरी ने वन अधिकारियों को संबाेधित करते हुए कहा कि औषधियों के लिए अच्छी गुणवत्ता का कच्चा माल 80 प्रतिशत जंगलों से आता है। औषधीय पेड़ पौधों की संरक्षण में वन अधिकारियों की बड़ी भूमिका है।