इटावा, उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश और राजस्थान मे प्रवाहित चंबल नदी से वन्य जीव प्रेमियो के लिए बडी खुशी आई है । चंबल नदी मे पहली बार हजारो की तादात मे घाडियाल के बच्चे प्रजनन के बाद जन्मे है ।
चंबल सेंचुरी के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि चंबल नदी मे इन दिनो हजारो की तादात मे घडियाल के बच्चे नजर आ रहे है इन बच्चो की किलकारियो ने चंबल सेंचुरी के अफसरो को खुश कर दिया गया है । 2100 स्क्वायर मीटर में फैले नेशनल चंबल घड़ियाल सेंचुरी में 1989 से घड़ियालों का संरक्षण करना शुरू हो गया था ।
राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी के अफसरो की माने तीन राज्यो मे पसरी चंबल नदी मे एक अनुमान के मुताबिक 5000 के आसपास घडियाल के छोटे छोटे बच्चे पानी मे तैरते हुए दिखलाई दे रहे है । उत्तर प्रदेश मध्यप्रदेश और राजस्थान मे प्रवाहित चंबल नदी मे दुर्लभ प्रजाति के घडियालो को संरक्षण के मददेनजर चंबल नदी को संरक्षित कर रखा गया है । घडियाल के इन बच्चो को चंबल नदी मे पानी मे तैरते हुए देखा जा सकता है। बाह से लेकर इटावा तक करीब 70 किलोमीटर के दायरे मे इतनी बडी तादात मे इससे पहले घडियाल के बच्चो को प्रजनन के बाद नही देखा गया है।
जितनी तादात मे घडियाल के बच्चे चंबल मे नजर आ रहे उसे देख कर यही कहा जा सकता है कि यह तादात दुर्लभ प्रजाति के घडियाल की तादात मे इजाफा करने के लिये पर्याप्त समझी जा रही है।
चंबल नदी मे पहली दफा इतनी बडी तादात मे घाडियाल के बच्चे चंबल मे पानी मे नजर आ जा रहे है ।