नई दिल्ली, नोटबंदी के फैसले पर सरकार और विपक्ष किसी भी तरह से समझौते के मूड में नहीं दिख रहे हैं। एक तरफ विपक्ष सड़क से लेकर संसद तक इस मामले में हंगामा कर रहा है, दूसरी तरफ सरकार इसे देशहित में लिया गया फैसला बताकर वापस लेने से साफ इनकार कर रही है। नोटबंदी के फैसले पर विपक्ष के विरोध से केन्द्र की मोदी सरकार असहज है।
मोदी सरकार को इस बात के भी संकेत मिलें हैं कि जनता इससे परेशान है। इसीलिये, इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से राय मांगी है। उन्होंने अपने एनएमएप्प पर नोटबंदी के फैसले पर सीधे जनता से राय मांगी है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत एवं सतत लड़ाई की शुरुआत बताया। जेटली ने कहा कि नोटबंदी का फैसला देशहित में लिया गया है और हम इस पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, पूरा देश फैसले का स्वागत कर रहा है। ये एक ऐतिहासिक कदम है। पिछले 70 साल से जो सामान्य (चलता है) चल रहा था उसे रोककर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नया सामान्य (चलता है) गढ़ा।
भाजपा संसदीय दल की मीटिंग में मंगलवार सुबह केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, हम कई बार कह चुके हैं कि नोटबंदी पर बहस के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, यह बहुत बड़ा निर्णय है और ऐसा फैसला लेने के लिए सरकार को बहुत हिम्मत की जरूरत थी। नोटबंदी के फैसले से देश की जनता को हो रही परेशानी को लेकर विपक्ष संसद और सड़क दोनों जगह जोरदार हंगामा कर रहा है। सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लेने की बात कही है।
उन्होंने कहा, कुछ लोग इस फैसले के प्रति लोगों को बर्गलाने के लिए तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि नोटबंदी के फैसले के बारे में वित्त मंत्री को भी नहीं पता था, फिर वही लोग कहते हैं कि इस फैसले के बारे में बीजेपी को पहले से पता था, दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं। उन्होंने कहा, अगले कुछ हफ्तों के लिए हम कृषि क्षेत्र की तरफ ध्यान लगाना चाहते हैं। रबी की फसल का सीजन आने वाला है। कालेधन के खिलाफ कार्यवाही करने पर बीजेपी संसदीय दल ने सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बधायी प्रस्ताव पास किया।