लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में नोटबंदी के फलस्वरूप बैंकों एवं एटीएम की कतार में नोट बदलवाने में लगे कई लोगों की मृत्यु को दुखद बताते हुए आर्थिक रूप से कमजोर सभी मृतकों के परिजनों को परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो-दो लाख रुपए की सहायता देने की भी घोषणा की है। प्रदेश में ऐसे मृतकों की कोई आधिकारिक संख्या नहीं है लेकिन सपा के मुताबिक नोटबंदी के परिणामस्वरूप विभिन्न कारणों से प्रदेश में अब तक डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अपनी ही धनराशि को प्राप्त करने के लिए इस प्रकार बैंक एवं एटीएम की लाइन में लगकर पैसा निकालने का प्रयास करना और उस पर भी सफल ना हो पाना अत्यन्त कष्टप्रद है। अखिलेश यादव ने नोटबंदी के फलस्वरूप प्रदेश के विभिन्न जिलों में बैंकों और एटीएम की कतार में मरने वाले सभी लोगों के परिजन को दो-दो लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अलीगढ़ जिले में नोटबंदी के बाद अपने परिवार के भुखमरी के कगार पर पहुंचने के बाद बैंक से पुराने नोट नहीं बदल पाने से क्षुब्ध होकर हाल में आत्मदाह करने वाली रजि़या नामक महिला के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए उनके परिजन को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
मालूम हो कि नोटबंदी के बाद अलीगढ़ जिले में रजि़या नामक महिला मजदूरी के रूप में प्राप्त 500-500 के छह नोट बदलवाने के लिए अपने नजदीकी बैंक में लगातार तीन दिन तक कोशिश करती रही, परन्तु नोट बदलने में असफलता से दुःखी होकर उसने अपने आप को आग लगा ली। दिल्ली में इलाज के दौरान चार दिसम्बर को उसका निधन हो गया था।