राजकोट, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पांच सौ और एक हजार रूपये के नोटों को बदलने के फैसले के कारण भारत-इंग्लैंड के बीच यहां राजकोट में जारी पहले क्रिकेट टेस्ट मैच में पिछले तीन दिनों से दर्शकों की संख्या में कोई इजाफा देखने को नहीं मिला है। राजकोट में पहली बार टेस्ट मैच का आयोजन हो रहा है और आयोजकों को उम्मीद थी कि 28 हजार क्षमता वाले स्टेडिय में भारी भरकम भीड़ जुटेगी लेकिन मैच के शुरुआती तीन दिन तीन से चार हजार लोग ही स्टेडियम में मैच देखने आए। इन चार हजार में से भी अधिकतर स्कूली बच्चे ही देखने को मिले। भारत की बल्लेबाजी होने के बावजूद स्टेडियम खाली ही नजर आया और इसका एक बड़ा कारण पांच सौ और एक हजार के नोटों को बंद करने का भी रहा।
सौराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम (एससीए) के सचिव निरंजन शाह ने भी स्टेडियम में दर्शकों की संख्या कम होने की वजह नोटों को ही बताया है। शाह ने कहा, मैच नौ नवंबर से शुरु होने थे लेकिन आठ नवंबर की रात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा करने के कारण टिकटों की बिक्री ठप पड़ गई। शाह नेे कहा, मैंने स्टेडियम के हाऊसफुल होने की उम्मीद नहीं की थी लेकिन दो स्थानीय खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा के टीम की तरफ से खेलने के बाद मुझे लग रहा था कि कि दर्शक अपने स्थानीय खिलाड़ी को देखने आएंगे और दर्शकों की संख्या 20 हजार के आसपास होगी। लेकिन अधिकतर लोग बैंकों की लाइन में लगे हैं तो मैच देखने कौन आएगा। एससीए में इससे पहले हुए दो वनडे, एक ट््वंटी-20 और आईपीएल मैचों में दर्शकों की संख्या लगभग हाऊसफुल था। यहां भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 अक्टूबर को हुए वनडे मैच में हार्दिक पटेल की चेतावनी के बावजूद 25 हजार से अधिक दर्शक मैच देखने पहुंचे थे।