रांची, रांची जिला क्रिकेट लीग की बी डिवीजन की टीम बीएयू (बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी) ब्लास्टर्स से खेलनेवाले पंकज यादव अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत के लिए खेलेंगे. यह वर्ल्ड कप अगले साल न्यूजीलैंड में होगा।पंकज 8 दिसम्बर को कैंप के लिए बैंगलुरू रवाना हो जाएंगे.
2018 न्यूजीलैंड में होने वाले आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्डकप के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा कर दी गई है. न्यूजीलैंड के चार शहरों में अगले साल 13 जनवरी से तीन फरवरी तक होने वाले इस टूर्नामेंट में गत चैंपियन वेस्टइंडीज समेत कुल 16 टीमें हिस्सा लेंगी. बेंगलुरू में आठ से 22 दिसंबर तक कैंप चलेगा.
भारतीय टीम में दाएं हाथ के फिरकी गेंदबाज पंकज ने इस सपने को साकार कर दिखाया है. इससे पहले उन्होंने चैलेंजर ट्रॉफी में खेलते हुए इंडिया ग्रीन की तरफ से तीन मैच में नौ विकेट हासिल किये थे. इसके अलावा अंडर-16 बी डिवीजन के एक सीजन में पंकज ने 42 विकेट लिये. पंकज यादव अंडर-14 में एक साल, 16 में तीन साल और अंडर-19 में खेल चुके हैं. वह रोजाना तीन लीटर दूध पीते हैं और हर दिन कम से कम सात घंटा प्रैक्टिस करतें है। विकेट लगाकर बॉलिंग करतें है आैर निशाना साधतें है।
पकंज को इस मुकाम तक पहुंचाने में मां मंजू देवी का बड़ा योगदान है.पंकज यादव की मां मंजू देवी ने बताया कि पंकज का दिल शुरू से पढ़ाई में नहीं लगता था। वह मोहल्ले में सुबह से शाम केवल क्रिकेट खेलता था। यह देखकर मैंने उसके पिता से कहा कि उसका क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन करा दें। लेकिन हमलोग पैसा नहीं रहने के कारण मजबूर थे। फिर मैंने बीएयू एकेडमी जाकर युक्तिनाथ झा जी से बात की। उन्होंने मेरे बेटे को यहां खेलने के लिए हामी भर दी। घर से रोज दो किलो मीटर मैं पंकज को लेकर ग्राउंड जाती, आैर उसके प्रैक्टिस तक वहीं रुकी रहती थी।
पंकज के कोच वाइएन झा ने बताया कि पंकज बचपन से ही प्रतिभावान है. पंकज पर मेरी नजर पड़ी और मैं उसे क्रिकेट खेलने के लिए ले गया. मेहनत रंग लायी और पंकज ने लेग स्पिनर के रूप में अपनी शुरुआत की. पंकज यादव के पिता चंद्रदेव यादव के अनुसार, मुझे मेरी मेहनत का फल मिल गया है. मैंने अपने बेटे को उसकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए दूसरे के घर जाकर दूध दूहने का काम किया. बेटे ने मेरी मेहनत को सफल बना दिया.