परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षित कर रही है योगी सरकार

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश सरकार .33 लाख परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को नोडल टीचर्स के रूप में प्रशिक्षित करा रही है। इनमें से पहले चरण के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 66000 से अधिक प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और शेष को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

गौरतलब है कि नोडल टीचर के रूप में अब सभी प्रधानाध्यापक, परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों की आवश्यकताओं को समझकर उन्हें उचित शैक्षिक वातावरण और सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। प्रधानाध्यापकों की इस नई भूमिका से प्रदेश में शिक्षा का स्तर और अधिक मजबूत होगा, जिससे दिव्यांग बच्चों को समान अवसर मिलने के साथ-साथ उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। इससे उत्तर प्रदेश समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में एक नई मिसाल कायम करने की ओर अग्रसर होगा।

प्रदेश में लगभग 03 लाख विशेष आवश्यकता वाले बच्चे परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत हैं, जिनके उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर 10 दिवसीय (05-05 दिवसीय दो बैच) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में प्रधानाध्यापकों को दिव्यांग बच्चों की देखभाल, उनकी जरूरतों को समझने, शिक्षण तकनीकों, सरकारी योजनाओं की जानकारी और अभिभावकों से संवाद जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार समावेशी शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह सुनिश्चित कर रही है कि दिव्यांग बच्चे भी समान अवसरों के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रधानाध्यापकों का यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसमें उन्हें यह सिखाया जा रहा है कि कैसे दिव्यांग बच्चों को प्रोत्साहित किया जाए, उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए और उनके लिए शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया जाए।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सरकार प्रदेश के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में हो। परिषदीय विद्यालयों में लगभग 03 लाख विशेष आवश्यकता वाले बच्चे पढ़ रहे हैं, जिन्हें शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रधानाध्यापक न केवल इन बच्चों की जरूरतों को समझ पाएंगे, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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