भुवनेश्वर, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने आज 198 मेगावाट क्षमता के पवन ऊर्जा संयंत्रों को राष्ट्र को समर्पित कर दिया। श्री गोयल ने नेशनल एल्युमिनियम कंपनी (नाल्को) के द्वारा निर्मित इन पवन ऊर्जा संयंत्रों को राष्ट्र को समर्पित किया। ये संयंत्र चार स्थानों पर स्थापित किये गये है। आंध्र प्रदेश के गंडीकोटा में 50.4 मेगावाट,लडवा (राजस्थान) में 47.6 मेगावाट,इसी राज्य के देवीकोट में 50 मेगावाट तथा महाराष्ट्र के जत में 50.4 मेगावाट के पवन ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण नाल्को की ओर से किया गया है। नाल्को ने इस पर कुल 1350 करोड़ रुपये खर्च किये है।
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर कहा कि वह देश के सभी हिस्सों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए हर संभव उपाय कर रहे है। इसके साथ ही ऊर्जा संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति को निर्बाध रूप से जारी किया जा रहा है और कोयले के उत्पादन में भी वृद्धि की जा रही है। उन्होंने कहा कि पवन ऊर्जा से स्वच्छ ऊर्जा की प्राप्ति होती है और इससे पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता है। विश्व को अब हम अत्याधुनिक तकनीकी उपलब्ध कराना चाहते है और इस दिशा में देश की अनेक कंपनियां कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ओडिशा का समग, विकास करना चाहती है और इसके लिए इस राज्य को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। श्री गोयल ने कहा कि ओडिशा खनिजों से परिपूर्ण राज्य है और यहां के आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए जिला खनिज कोष की स्थापना की गयी है। खनिजों के खनन से जो राजस्व आयेगा उसमें से 30 प्रतिशत राशि स्थानीय स्तर पर विकास कार्य के लिए खर्च की जायेगी। ऊर्जा मंत्री ने ओडिशा में आदिवासियों की बदतर स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार अपने स्तर से उनकी स्थिति में सुधार के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और उनके कल्याण की योजनाएं चला रही है। उन्होंने कहा कि खनिज उत्खनन के क्षेत्र में ओडिशा के लिए कुछ नये प्रयास किये गये है जिसके कारण यहां के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य सरकार को भारी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति भी होगी। इस मौके पर केन्द्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री जुएल उरांव भी उपस्थित थे।