नई दिल्ली, भारतीय पुरूष हाकी टीम लगातार दूसरे साल मलेशिया में सुल्तान जोहोर कप में भाग नहीं लेगी और उसने अक्तूबर में होने वाले टूर्नामेंट में पाकिस्तान की मौजूदगी को इसका कारण बताया है। हाकी इंडिया ने कहा कि सुल्तान जोहोर कप आमंत्रण टूर्नामेंट है तो वह तब तक पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी सीरीज में नहीं खेलने के फैसले को जारी रख सकता है तब तब वह 2014 चैम्पियंस ट्राफी विवाद के लिये बिना शर्त माफी नहीं मांगता।
सुल्तान जोहोर कप अंडर-21 टूर्नामेंट है और भारत ने 2015 में इसमें खिताब अपने नाम किया था। यह विश्व संचालन संस्था एफआईएच या किसी उपमहाद्वीपीय संस्था के अंतर्गत कराया जाने वाला वैश्विक टूर्नामेंट नहीं है। जनवरी में हाकी इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी टूर्नामेंट में नहीं खेलने के फैसले की घोषणा की थी और कहा था कि तब तक ऐसा जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान 2014 में भारत में हुई एफआईएच चैम्पियंस ट्राफी के दौरान अपनी टीम के गैर-पेशेवर रवैये और अशिष्टता के लिये बिना शर्त लिखित माफी नहीं मांग लेता। मामला यहीं नहीं खत्म हुआ। लखनऊ में 20166 जूनियर विश्व कप से पहले पाकिस्तानी हाकी महासंघ ने आरोप लगाया कि भारत नहीं चाहता कि टूर्नामेंट में पाकिस्तानी टीम हिस्सा ले। भारत ने इस दावे को एक सिरे से खारिज कर दिया था। आखिर में पाकिस्तान ने जूनियर विश्व कप में हिस्सा नहीं लिया था।
हाकी इंडिया के प्रवक्ता आर पी सिंह ने कहा, हालांकि हाकी इंडिया और इसके खिलाडियों ने 2014 में हुई घटना को पीछे छोड़ दिया, लेकिन हाल में पीएचएफ द्वारा लगाये गये आरोपों से भारत ने इस टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, सुल्तान जोहोर कप में भारतीय टीम को नहीं उतारकर हम अपने फैसले पर कायम हैं कि हम पाकिस्तान के खिलाफ तब तक किसी सीरीज में भाग नहीं लेंगे जब तक वह 2014 में हुई घटना पर बिना शर्त लिखित माफी नहीं मांगता। उन्होंने कहा, सुल्तान जोहोर कप अनिवार्य टूर्नामेंट नहीं है इसलिये हाकी इंडिया ने फैसला किया है कि हम टूर्नामेंट से हट जायेंगे।