पाठ्यपुस्तकों में बुद्ध को शामिल करके ही, शिक्षा सम्पूर्ण होगी-जावडेकर
May 11, 2017
नयी दिल्ली , केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भगवान बुद्ध के विचारों को कालातीत एवं शाश्वत बताते हुए आज कहा कि स्कूली और उच्च शिक्षा की पाठ्यपुस्तकों में उनके विचारों को शामिल करने के बाद ही शिक्षा सम्पूर्ण होगी और सरकार इस बात को सुनिश्चित करेगी कि उनके विचारों को उनमे शामिल किया जाए।
जावडेकर ने आज यहाँ बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि बुद्ध के विचार दुनिया में इतने लोकप्रिय हैं कि बुद्ध सर्किट के यात्री बढ़ रहे है और भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में 12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित इस समारोह में विशिष्ट के रूप में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरिन रिजिजू थे। इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री डॉ महेश शर्मा संस्कृति सचिव एन के सिन्हा और सारनाथ में बौद्ध अध्ययन विश्वविद्यालय के कुलपति पद्म श्री प्रोफ गेशे नवांग सम्तें भी मौजूद थे।
जावडेकर ने कहा कि गौतम बुद्ध के विचार जीवन में सत्य को ढूँढने की खोज है और वे कालातीत हैं तथा शाश्वत मूल्यों की चर्चा करते हैं। वे करुणाए ममत्वए शिष्टाचार आदि सिखाते हैं। बुद्ध बताते हैं कि हम कैसे जीयें एवं क्यों जीयें हम पाठ्यक्रम में उनके विचारों को सशक्त रूप से लायेंगे।
उन्होंने कहा कि केवल सूचना ही शिक्षा नहीं है और शिक्षा का उद्देश्य केवल कौशल और रोजगार पाना नहीं है बल्कि एक अच्छा इंसान बनाना है इसलिए चाहे प्राइमरी शिक्षा हो या माध्यमिक या उच्च शिक्षा बुद्ध के विचारों को शामिल करके शिक्षा को सम्पूर्ण बनाया जायेगा। आरक्षण को लेकर, अखिलेश यादव का बड़ा बयान..
उन्होंने कहा कि एनसीआरटी की किताबों की नए सिरे से समीक्षा की जा रही है कि वह आज के युग के लिए कितना ठीक है। उन्होंने कहाएष्हमने शिक्षकों को कहा है कि वे इन किताबों में सुधार करे और गलतियों को दूर करें तथा नया पाठ बनायें।ष्
श्री रिजिजू ने कहा कि भारत विश्व का गुरु रहा है और आज भी आध्यात्मिक क्षेत्र में नेतृत्व कर रहा है लेकिन भारत महाशक्ति तब बनेगा जब वह बुद्ध के बताये गए रास्ते पर चलेगा। उन्होंने कहा कि विश्व के लोग खासकर बौद्ध देश चाहते भी हैं कि भारत हमेशा की तरह नेतृत्व करे।
उन्होंने कहा कि आज विश्व देख रहा है कि भारत में बड़ा सा कमल खिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले बुद्ध जयन्ती पर हर साल आयोजन नहीं होते थे लेकिन मोदी सरकार ने हर साल बुद्ध जयन्ती पर कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बौद्ध देशों के एक प्रतिशत पर्यटक आयें तो हम पर्यटन के क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर पहुंच सकते हैं।
डॉ शर्मा ने कहा कि बुद्ध ने आठ सिद्धांत बताये थे और यह भी कहा था कि व्यक्ति जन्म से नहीं बल्कि कर्म से महान होता है। उन्होंने लोगों को जाति और संप्रदाय से ऊपर उठने तथा आडम्बर से ऊपर उठने की बात की थी और सबसे बड़ा सन्देश शांति एवं भाईचारे का था। भारत की माटी गौरवशाली है कि उसने ऐसे व्यक्ति को यहाँ जन्म दिया।समारोह में बौद्ध धर्म के विद्वान् और भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद् के अध्यक्ष एस आर भट्ट को भी सम्मानित किया गया।
इसके बाद प्रख्यात नृत्यांगना शाेभना नारायण की एक टीम ने नृत्य नाटिका पेश की।