नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रशासनिक अधिकारियों का आज आह्वान किया कि आम बजट में ‘गतिशक्ति’ अभियान को तेजी से क्रियान्वित करें ताकि इन ढांचागत विकास के साथ साथ रोजगार देश की अर्थव्यस्था को रफ्तार देने वाला ईको सिस्टम तैयार हो सके।
मोदी ने यहां बजट पश्चात वेबीनार में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल के बजट ने 21वीं सदी के भारत के विकास की गतिशक्ति निर्धारित कर दी है। ‘अवसंरचना पर आधारित विकास’ की यह दिशा, हमारी अर्थव्यवस्था के सामर्थ्य में असाधारण वृद्धि करेगी। इससे देश में रोजगार की भी अनेक नई संभावनाएं बनेंगी।
उन्होंने कहा कि आज जिस बड़े पैमाने पर हमारी सरकार, अवसंरचना विकास पर काम कर रही है, उसमें पीएम गतिशक्ति, बहुत बड़ी हमारी एक आवश्यकता है। वर्ष 2013-14 में भारत सरकार का प्रत्यक्ष पूंजीगत व्यय करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए था जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर साढ़े सात लाख करोड़ रुपए हो गया है। ये लगभग चार गुना बढ़ोत्तरी है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग हों, रेलवे हो, एयरवे-वॉटरवे हो, ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी हो, गैस ग्रिड हो, नवीकरणीय ऊर्जा हो, हर क्षेत्र में सरकार ने निवेश बढ़ाया है। इन क्षेत्रों में हमारी सरकार बहुत बड़े लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रही है। पीएम गतिशक्ति से अवसंरचना नियोजन, क्रियान्वयन एवं निगरानी को एक बहुत ही समन्वित रूप में हम आगे बढा सकते हैं एक नई दिशा मे काम कर सकते हैं। इससे परियोजनाओं के समयबद्धता और लागत में वृद्धि में भी कमी लाई जा सकेगी।
श्री मोदी ने कहा कि ढांचागत विकास में निवेश से अन्य क्षेत्रों पर भी बहुत बड़ा प्रभाव होता है। ये जीवन की सुगमता के साथ ही कारोबारी सुगमता को भी सुधारता है। इससे सभी क्षेत्रों की आर्थिक उत्पादकता को भी शक्ति मिलती है। आज जब देश अवसंरचना विकास को अभूतपूर्व गति दे रहा है, तो उससे आर्थिक गतिविधि भी बढ़ेगी और रोजगार सृजन भी उतना ही बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में अब 400 से अधिक डाटा लेयर उपलब्ध हैं। इससे ना केवल मौजूदा और नियोजित अवसंरचना की जानकारी मिलती है, बल्कि इसमें वन भूमि, उपलब्ध औद्योगिक भूमि जैसी सूचना भी है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसका उपयोग निजी क्षेत्र अपनी योजना बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा किया जाये।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने सहकारी संघवाद के सिद्धांत को मजबूती देते हुए इस साल के बजट में राज्यों की सहायता के लिए एक लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। राज्य सरकारें इस राशि का उपयोग मल्टीमोडल अवसंरचना और अन्य उत्पादक संपत्तियों पर कर सकेंगी।
देश के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। हमारी सरकार पूर्वोत्तर के संतुलित विकास के लिए भी संकल्पित है। इन राज्यों की आवश्यकता को देखते हुए 1500 करोड़ रुपए की लागत से पीएम डिवाइन योजना की भी घोषणा की गई है। अवसंरचना क्षेत्र में किए जा रहे निवेश के साथ-साथ उत्पादकता से जुड़े पुरस्कार योजना, आने वाले वर्षों में देश के विकास को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। ये सारे प्रयास, अवसंरचना निर्माण के इस नए युग में, आपके लिए नई आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलेंगे। कॉरपोरेट जगत एवं निजी क्षेत्र को सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर निवेश करना चाहिए।
मोदी ने अधिकारियों से कहा कि वे मार्च में पीएम गतिशक्ति के क्रियान्वयन की तैयारी कर लें और एक अप्रैल से ही सारी चीजें जमीन पर उतारना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि पुराने जमाने में सारी दुनिया बसती थी नदियों के पास। जहां से नदी होती थी उसी के निकट या समंदर के निकट बड़े शहर एवं व्यवस्थाएं विकसित होती थीं। बाद में जहां बड़े-बड़े राजमार्ग हों वहां दुनिया विकसित होने लगी। और अब लग रहा है जहां –जहां ऑप्टिकल फाइबर होगा वहां – वहां दुनिया विकसित होती जाएगी। वक्त बदलता जा रहा है। इसका मतलब कि अवसंरचना सिर्फ केवल अवसंरचना मात्र नहीं होता है। उसके होते ही उसके आसपास पूरे नये ईको सिस्टम विकसित हो जाता है। इस हिसाब से ये गतिशक्ति मास्टर प्लान हमें बहुत लाभ करेगा।